2 राजा 20:1-7

2 राजा 20:1-7 HINCLBSI

इन्‍हीं दिनों में राजा हिजकियाह इतना बीमार पड़ा कि वह मृत्‍यु के समीप पहुंच गया। तब नबी यशायाह बेन-आमोत्‍स उसके पास आए। उन्‍होंने उससे कहा, ‘प्रभु कहता है : मृत्‍यु के पूर्व अपने परिवार की समुचित व्‍यवस्‍था कर ले; क्‍योंकि निश्‍चय ही तेरी मृत्‍यु होगी। तू नहीं बचेगा।’ हिजकियाह ने दीवार की ओर अपना मुख किया, और प्रभु से यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, स्‍मरण कर कि मैं सच्‍चाई और सम्‍पूर्ण हृदय से तेरे सम्‍मुख तेरे मार्ग पर चलता रहा। मैंने उन्‍हीं कार्यों को किया है, जो तेरी दृष्‍टि में उचित हैं।’ यह कहकर हिजकियाह फूट-फूटकर रोने लगा। अभी नबी यशायाह राजमहल के मध्‍यवर्ती आंगन से बाहर नहीं निकले थे। उसी समय उन्‍होंने प्रभु का यह वचन सुना, ‘लौट, और मेरे निज लोगों के अगुए, राजा हिजकियाह से यह कह : “तेरे पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, और तेरे आंसू देखे। देख, मैं तुझे स्‍वस्‍थ करूंगा। तू तीसरे दिन मेरे भवन को जाएगा। मैं तेरी आयु को पन्‍द्रह वर्ष और लम्‍बी कर रहा हूँ। मैं असीरिया के राजा के हाथ से तुझको और इस नगर को बचाऊंगा। मैं अपने लिए, अपने सेवक दाऊद के कारण इस नगर की रक्षा करूंगा।” ’ यशायाह ने हिजकियाह के सेवकों से कहा, ‘अंजीर की पुलटिस लाओ।’ वे ले आए। उन्‍होंने पुलटिस को फोड़े पर लगाया और हिजकियाह स्‍वस्‍थ हो गया।