उसने पहाड़ी शिखर की वेदियां हटा दीं। पूजा-स्तम्भ तोड़ दिए। अशेराह देवी की मूर्ति ध्वस्त कर दी। जो पीतल का सर्प मूसा ने बनाया था, और जिसके सम्मुख अब तक इस्राएली सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते आ रहे थे, उसको भी हिजकियाह ने टुकड़े-टुकड़े कर दिया। पीतल के सर्प का नाम नहूश्तान था। हिजकियाह ने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर पर भरोसा किया। यहूदा प्रदेश में हिजकियाह के समान राजा नहीं हुआ : न उसके पहले और न उसके बाद। वह प्रभु से चिपका रहा। उसने प्रभु का अनुसरण करना नहीं छोड़ा। जो आज्ञाएं प्रभु ने मूसा को दी थीं, वह उनका पालन करता रहा। प्रभु उसके साथ था। जब-जब वह युद्ध पर निकलता, प्रभु उसे सफलता प्रदान करता था। उसने असीरिया के राजा के विरुद्ध विद्रोह कर दिया था। वह उसके अधीन नहीं रहा।
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