प्रभु ने रात में सुलेमान को दर्शन दिया, और उससे कहा, ‘मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, मैंने इस स्थान को अपने लिए बलि-भवन के रूप में चुना है। जब मैं आकाश के झरोखे बन्द कर दूंगा, और इस देश में वर्षा नहीं होगी; अथवा जब मेरे आदेश से टिड्डियां इस देश की फसल चट कर जाएंगी, अथवा जब मैं अपने निज लोगों के मध्य महामारियां भेजूंगा, तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा। मेरी आंखें सब समय इस भवन पर लगी रहेंगी। जो प्रार्थना इस भवन में की जाएगी, उसको मैं सुनूंगा। मैंने इस भवन को चुनकर पवित्र किया है। मैंने सदा-सर्वदा के लिए यहां अपना नाम प्रतिष्ठित किया है। मेरी आंखें और मेरा हृदय सब समय इस भवन पर लगे रहेंगे। जैसे तेरा पिता दाऊद सच्चे और निष्कपट हृदय से मेरे सम्मुख चलता था, वैसे ही यदि तू चलेगा, मेरी आज्ञाओं, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों का पालन करेगा तो मैं इस्राएल देश पर तेरा राज-सिंहासन सदा सुदृढ़ रखूंगा। यह मैंने तेरे पिता दाऊद से कहा था। मैंने उसे यह वचन दिया था, “इस्राएल पर शासन करने के लिए तेरे वंश में पुरुष का अभाव न होगा।”
‘परन्तु ओ इस्राएलियो, यदि तुम मेरा अनुसरण करना छोड़ दोगे, जो आज्ञाएं और संविधियां मैंने तुम्हारे सम्मुख रखी हैं, उनका पालन नहीं करोगे, और अन्य देशों के देवताओं का अनुसरण करोगे, उनकी सेवा करोगे, उनकी आराधना करोगे, तो मैं तुमको इस देश से, जो मैंने तुम्हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों से दूर कर दूंगा। तुम विश्व की जातियों के मध्य निन्दा और उपहास के पात्र बन जाओगे।