इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश ने यहूदा प्रदेश के राजा अमस्याह को, जो अहज्याह का पौत्र और योआश का पुत्र था, बेत-शेमश नगर में बन्दी बना लिया। वह उसे यरूशलेम नगर ले गया। उसने एफ्रइम प्रवेश-द्वार से कोनेवाले प्रवेश-द्वार तक, लगभग एक सौ अस्सी मीटर यरूशलेम की शहरपनाह तोड़ दी। जो सोना-चांदी और जो पात्र उसको परमेश्वर के भवन में, ओबेद एदोम के पास तथा राजमहल के कोषागारों में मिले, उसने उनको लूट लिया। उसने राजपुत्रों का भी अपहरण कर लिया, और अपनी राजधानी सामरी नगर को लौट गया। इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश बेन-यहोआहाज की मृत्यु के पश्चात् यहूदा प्रदेश का राजा अमस्याह बेन-योआश पन्द्रह वर्ष तक जीवित रहा। अमस्याह के शेष कार्यों का विवरण, आदि से अन्त तक ‘यहूदा प्रदेश और इस्राएल प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है। जब से अमस्याह प्रभु से विमुख हुआ था, लोगों ने यरूशलेम नगर में उसके विरुद्ध षड्यन्त्र रचा था। अत: वह लाकीश नगर की ओर भागा। षड्यन्त्रकारियों ने उसके पीछे-पीछे लाकीश नगर में हत्यारों को भेजा, जिन्होंने वहाँ उसकी हत्या कर दी। वे उसका शव घोड़ों पर लाद कर यरूशलेम नगर में लाए, और उसके मृत पूर्वजों के साथ दाऊदपुर में गाड़ दिया।
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