नबी एलियाह ने योराम के इन कार्यों के सम्बन्ध में उसको एक पत्र भेजा। पत्र में यह लिखा था, ‘महाराज, आपके पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : “तूने न तो अपने पिता यहोशाफट के सदृश आचरण किया और न ही यहूदा प्रदेश के राजा आसा के आचरण के सदृश। किन्तु तूने इस्राएल प्रदेश के राजाओं के आचरण का अनुसरण किया, और यहूदा प्रदेश की जनता तथा यरूशलेम के निवासियों को मुझसे विश्वास-घात करने के लिए बहकाया। ऐसा ही विश्वास-घात करने के लिए अहाब के राजपरिवार के लोगों ने इस्राएल प्रदेश की जनता को बहकाया था। तूने अपने ही पिता के पुत्रों की, अपने सगे भाइयों की हत्या की, जो तुझ से अच्छे थे। इसलिए, देख, प्रभु तेरी समस्त प्रजा पर, तेरे बच्चों और तेरी स्त्रियों पर, तथा तेरी समस्त धन-सम्पत्ति पर एक महामारी भेजेगा। तू स्वयं अंतड़ियों के रोग से बहुत पीड़ित होगा, और उस रोग के कारण धीरे-धीरे तेरी सब अंतड़ियां बाहर निकल आएंगी” ।’ प्रभु ने योराम के विरुद्ध पलिश्तियों को तथा इथियोपिया देश के समीप रहने वाले अरबियों को विद्रोह के लिए उभाड़ा। उन्होंने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण कर दिया। वे यहूदा प्रदेश के निवासियों पर टूट पड़े और राजभवन की समस्त धन-सम्पत्ति को लूट लिया। वे राजा योराम के पुत्रों और रानियों को बन्दी बनाकर ले गए। उसके पास उसका सबसे छोटा पुत्र अहज्याह ही रह गया, शेष सब पुत्र बन्दी बनकर चले गए। इतना ही नहीं, इसके बाद प्रभु ने उसको अंतड़ियों के असाध्य रोग से पीड़ित कर दिया। धीरे-धीरे दो वर्ष के बाद उस असाध्य रोग के कारण उसकी अंतड़ियां बाहर आ गईं, और वह घोर पीड़ा सहते-सहते मर गया। उसकी प्रजा ने उसके सम्मान में सुगन्धित आग नहीं जलायी, जैसी उसके पूर्वजों के लिए जलायी थी। जब योराम बत्तीस वर्ष का था तब से उसने राज्य करना आरम्भ किया था और उसने आठ वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया। उसके मरने पर किसी ने शोक नहीं मनाया। उसको दाऊदपुर में गाड़ा गया, किन्तु राजाओं के कब्रिस्तान में नहीं।
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