इसके कुछ समय पश्चात् मोआब और अम्मोन की सेनाओं ने राजा यहोशाफट पर आक्रमण करने के लिए प्रस्थान किया। उनके साथ मऊनी जाति के भी कुछ सैनिक थे। तब कुछ लोग यहोशाफट के पास आए, और उन्होंने कहा, ‘महाराज, समुद्र के उस पार से, एदोम देश की एक विशाल सेना आप पर आक्रमण करने के लिए आ रही है। और देखिए, वे हस्सोन-तामर नगर में पहुंच गए हैं।’ (हस्सोन-तामर को एनगदी भी कहते हैं।) यह खबर सुनकर यहोशाफट डर गया, और उसने प्रभु की इच्छा जानने का प्रयत्न किया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश में सामूहिक उपवास की घोषणा कर दी। समस्त यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु की सहायता पाने के लिए एकत्र हुए। वे यहूदा प्रदेश के सब नगरों से प्रभु की इच्छा जानने के लिए आए।
राजा यहोशाफट प्रभु के भवन में नए आंगन के सामने समस्त यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम की धर्मसभा के मध्य खड़ा हुआ, और उसने प्रभु से यों प्रार्थना की, ‘हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर, क्या तू स्वर्ग में ईश्वर नहीं है? क्या तू सब जातियों के राज्यों पर शासन नहीं करता है? हे हमारे परमेश्वर, तेरे ही हाथ में सम्पूर्ण शक्ति और सामर्थ्य है, जिसके कारण कोई भी तेरा सामना नहीं कर सकता है। क्या तूने ही अपने निज लोग इस्राएलियों को इस देश में बसाने के लिए यहां रहने वाली जातियों को नहीं निकाला था? और उनको निकालने के बाद क्या तूने यह देश अपने मित्र अब्राहम के वंशजों को सदा के लिए नहीं दिया था? वे इस देश में बस गए। उन्होंने तेरे नाम की महिमा के लिए एक पवित्र स्थान बनाया, और यह घोषणा की, “हे परमेश्वर, तेरा नाम इस भवन में प्रतिष्ठित है। अत: जब हम पर अनिष्ट का बादल छाएगा, जब हम पर शत्रु की तलवार का प्रहार होगा, हम पर महामारी और अकाल की छाया पड़ेगी, अथवा जब तू हमें न्यायपूर्ण दण्ड देगा, तब हम तेरे इस भवन में तेरे सम्मुख खड़े होंगे, और अपने संकट में तेरी दुहाई देंगे। तब प्रभु, तू हमारी प्रार्थना सुनेगा, और हमें बचाएगा।” प्रभु, जब तेरे निज लोग इस्राएली मिस्र देश से निकलकर यहां आ रहे थे, तब तूने उन्हें अम्मोन, मोआब और सेईर के पहाड़ी देश पर आक्रमण करने नहीं दिया। अत: वे उनसे दूर रहे, और उनका विनाश नहीं किया। अब वे ही हमारी भलाई का कैसा बदला हमें दे रहे हैं? तूने हमें यह देश पैतृक अधिकार के लिए दिया है; किन्तु वे हमारे इस पैतृक अधिकार से हमें वंचित करने के लिए आ रहे हैं। हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनको दण्ड नहीं देगा? हम उनके असंख्य सैनिकों के सम्मुख, जो हम पर आक्रमण कर रहे हैं, असमर्थ हैं। हम किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो गए हैं, किन्तु प्रभु, हमारी आंखे तुझ पर लगी हैं।’
यहूदा प्रदेश के सब लोग अपने बच्चों, स्त्रियों और पुत्र-पुत्रियों के साथ प्रभु के सम्मुख भवन में खड़े थे। उसी समय प्रभु का आत्मा यहजीएल नामक एक उपपुरोहित पर उतरा, और वह नबूवत करने लगा। यहजीएल के पिता का नाम जकर्याह, दादा का नाम बनायाह, और परदादा का नाम यईएल था, जो मत्तन्याह का पुत्र था। यहजीएल आसाफ के वंश का था। वह धर्मसभा के मध्य में खड़ा था। उसने कहा, ‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो तथा यरूशलेम के रहने वालो, और महाराज यहोशाफट, आप-सब प्रभु का सन्देश सुनिए : प्रभु आप से यों कहता है, “इस विशाल सेना से मत डरो, और न ही तुम्हारा हृदय कांपे; क्योंकि यह युद्ध तुम्हारे और उनके बीच में नहीं बल्कि उनके और मुझ-परमेश्वर के बीच है। कल तुम उनका सामना करने के लिए प्रस्थान करना। देखो, वे सीस की चढ़ाई पर चढ़कर तुम पर आक्रमण करेंगे। वे तुम्हें घाटी के छोर पर यरूशलेम के निर्जन प्रदेश के पूर्व में मिलेंगे। इस युद्ध में तुम्हें हथियार उठाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो तथा यरूशलेम के रहने वालो, तुम पंिक्त बांध कर वहीं खड़े रहना। तब तुम देखना, मैं-प्रभु तुम्हारा किस प्रकार उद्धार करता हूँ।” इसलिए मत डरो, और न ही तुम्हारा हृदय भय से कांपे। कल तुम उनका सामना करने के लिए प्रस्थान करना। देखो, प्रभु तुम्हारे साथ होगा।’
यह नबूवत सुनकर यहोशाफट ने भूमि की ओर सिर झुकाया। उसका मुंह धरती की ओर था। यहूदा प्रदेश के समस्त निवासी तथा यरूशलेम के सब रहने वाले लोग प्रभु की स्तुति करते हुए उसके सम्मुख दण्डवत् करने लगे। कुछ कहात-वंशीय तथा कोरह-वंशीय उपपुरोहित खड़े होकर उच्च स्वर में इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर की स्तुति गाने लगे।