1 तिमोथी 6:6-12

1 तिमोथी 6:6-12 HINCLBSI

वैसे भक्‍ति है भी महान लाभ का साधन, यदि वह संतोष से युक्‍त हो। हम न तो इस संसार में कुछ अपने साथ लाये हैं और न यहाँ से कुछ ले जा सकते हैं। यदि हमारे पास भोजन-वस्‍त्र है, तो हमें इस से सन्‍तुष्‍ट रहना चाहिए। जो लोग धन बटोरना चाहते हैं और ऐसी मूर्खतापूर्ण तथा हानिकर वासनाओं के शिकार बनते हैं, जो मनुष्‍यों को पतन और विनाश के गर्त्त में ढकेल देती हैं; क्‍योंकि धन का लालच सभी बुराइयों की जड़ है। इसी लालच में पड़ कर कई लोग विश्‍वस के मार्ग से भटक गये और उन्‍होंने अपने ह्रदय को अनेक दु:खों से छलनी बना दिया है। परमेश्‍वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो। विश्‍वास के उत्तम संघर्ष में संघर्ष करते रहो और उस शाश्‍वत जीवन पर अधिकार प्राप्‍त करो, जिसके लिए तुम बुलाये गये हो और जिसके विषय में तुमने बहुत-से गवाहों के सामने अपने विश्‍वास की उत्तम साक्षी दी है।