1 तिमोथी 3:2-7

1 तिमोथी 3:2-7 HINCLBSI

धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय, पत्‍नीव्रती, संयमी, समझदार, भद्र, अतिथिप्रेमी और कुशल शिक्षक हो। वह मद्यसेवी या क्रोधी नहीं, बल्‍कि सहनशील हो। वह झगड़ालू या लोभी न हो। वह अपने घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करे और गम्‍भीरतापूर्वक अपने बच्‍चों को अनुशासन में रखे। यदि कोई अपने घर का प्रबन्‍ध नहीं कर सकता, तो वह परमेश्‍वर की कलीसिया की देखभाल कैसे करेगा? वह नवदीिक्षत नहीं हो, अन्‍यथा वह घमंड से भर जायेगा और उसे भी वैसा ही दंड मिलेगा जैसा शैतान को मिला था। यह भी आवश्‍यक है कि बाहरी जनता में उसके विषय में अच्‍छी बातें कही जाती हों। कहीं ऐसा न हो कि उसकी बदनामी हो और वह शैतान के फन्‍दे में पड़ जाये।

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