1 तिमोथी 1:9-19

1 तिमोथी 1:9-19 HINCLBSI

हमें याद रहे कि व्‍यवस्‍था धर्मियों के लिए निर्धारित नहीं हुई, बल्‍कि उपद्रवी और निरंकुश लोगों के लिए, विधर्मियों और पापियों, नास्‍तिकों और धर्मविरोधियों, मातृ-पितृ-घातकों, हत्‍यारों, व्‍यभिचारियों और पुरुषगामियों, मानव-विक्रेताओं, असत्‍य-वादियों, झूठी शपथ खानेवालों और उन सब मनुष्‍यों के लिए जो उस हितकारी शिक्षा का विरोध करते हैं, जो शुभ समाचार के अनुरूप है। यह शुभ समाचार परमधन्‍य परमेश्‍वर की महिमा प्रकट करता है और मुझे सौंपा गया है। हमारे प्रभु येशु मसीह को मैं धन्‍यवाद देता हूँ, जिन्‍होंने मुझे बल दिया और मुझे विश्‍वास के योग्‍य समझ कर अपनी सेवा में नियुक्‍त किया है। मैं तो पहले ईश-निन्‍दक, अत्‍याचारी और उद्दण्‍ड था; किन्‍तु मुझ पर दया की गयी है, क्‍योंकि अविश्‍वास के कारण मैं यह नहीं जानता था कि मैं क्‍या कर रहा हूँ। हमारे प्रभु का अनुग्रह प्रचुर मात्रा में मुझे प्राप्‍त हुआ और साथ ही वह विश्‍वास और प्रेम भी, जो हमें येशु मसीह द्वारा मिलता है। यह कथन विश्‍वसनीय और सर्वथा मानने योग्‍य है कि येशु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से सबसे बड़ा पापी मैं हूँ। मुझ पर इसीलिए दया की गयी है कि येशु मसीह सब से पहले मुझ में अपनी सम्‍पूर्ण सहनशीलता प्रदर्शित करें और उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्‍तुत करें, जो शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त करने के लिए उनमें विश्‍वास करेंगे। युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्‍य और अतुल्‍य परमेश्‍वर का सम्‍मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे! पुत्र तिमोथी! जो नबूवतें पहले तुम्‍हारे विषय में हो चुकी हैं, उनके अनुरूप मैं तुम्‍हें यह भार सौंप रहा हूँ। तुम उनसे बल ग्रहण करो और विश्‍वास एवं शुद्ध अन्‍त:करण से सज्‍जित हो कर अच्‍छी लड़ाई लड़ो। कुछ लोगों ने अपने अन्‍त:करण की वाणी का तिरस्‍कार किया और इस कारण उनकी विश्‍वास-रूपी नौका डूब गई!