1 शमूएल 5:1-9

1 शमूएल 5:1-9 HINCLBSI

पलिश्‍तियों ने परमेश्‍वर की मंजूषा पर कब्‍जा कर लिया। वे मंजूषा को एबन-एजर नगर से अश्‍दोद नगर ले गए। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने परमेश्‍वर की मंजूषा को उठाया, और उसको दागोन देवता के मन्‍दिर में पहुँचा दिया। उन्‍होंने मंजूषा को दागोन की मूर्ति के समीप खड़ा कर दिया। दूसरे दिन सबेरे अश्‍दोद नगर के रहने वाले सोकर उठे। वे दागोन देवता के मन्‍दिर में गए। तब उन्‍होंने देखा कि दागोन देवता की मूर्ति प्रभु की मंजूषा के सामने औंधे मुँह भूमि पर पड़ी हुई है। अत: उन्‍होंने मूर्ति को उठाया, और उसे उसके स्‍थान पर फिर खड़ा कर दिया। अगले दिन सबेरे वे सोकर उठे। उन्‍होंने देखा कि दागोन देवता की मूर्ति प्रभु की मंजूषा के सामने औंधे मुँह भूमि पर पड़ी हुई है। उसके सिर तथा दोनों हाथ कटे हुए देहरी पर पड़े हैं। मूर्ति का धड़ ही शेष रह गया है। इस कारण दागोन देवता के पुरोहित तथा उसके मन्‍दिर में प्रवेश करने वाले उसकी देहरी पर आज तक अपने पैर नहीं रखते। प्रभु का हाथ अश्‍दोद नगर के रहने वालों पर विकट रूप से उठा! प्रभु ने अश्‍दोद तथा उसके आस-पास के क्षेत्र में रहनेवालों को प्‍लेग की गिल्‍टियों से आतंकित तथा पीड़ित कर दिया। जब अश्‍दोद के रहने वालों ने यह देखा तब उन्‍होंने कहा, ‘इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा हमारे साथ नहीं रहना चाहिए; क्‍योंकि उसका हाथ हमारे तथा हमारे दागोन देवता पर विकट रूप से उठा है।’ अत: उन्‍होंने दूत भेजे और पलिश्‍तियों के सामंतों को एकत्र किया। उन्‍होंने उनसे पूछा, ‘हमें इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा के साथ क्‍या करना चाहिए?’ सामंतों ने उत्तर दिया, ‘इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा को गत नगर भेज दो।’ अत: वे इस्राएल के परमेश्‍वर की मंजूषा को गत नगर ले गए। परन्‍तु मंजूषा को गत नगर में लाने के बाद ही प्रभु का हाथ नगर पर उठा। नगर में बड़ी घबराहट फैल गई। प्रभु ने नगर के बच्‍चों से बूढ़ों तक सब को प्‍लेग-रोग से पीड़ित कर दिया। उनके शरीर में गिल्‍टियाँ निकल आईं।