1 शमूएल 16:14-23

1 शमूएल 16:14-23 HINCLBSI

प्रभु का आत्‍मा शाऊल को छोड़कर चला गया। तब प्रभु की ओर से एक बुरी आत्‍मा शाऊल में समा गई। शाऊल के सेवकों ने उससे कहा, ‘देखिए, परमेश्‍वर की ओर से एक बुरी आत्‍मा आपको सता रही है। अब, स्‍वामी, अपने सेवकों को आदेश दीजिए। हम, जो आपकी सेवा में उपस्‍थित हैं, एक ऐसे मनुष्‍य को ढूँढ़ेंगे, जो सितार बजाना जानता है। जब परमेश्‍वर की ओर से बुरी आत्‍मा आप पर उतरेगी, तब वह अपने हाथ से सितार बजाएगा, और आप स्‍वस्‍थ हो जाएँगे।’ शाऊल ने अपने सेवकों को यह आदेश दिया, ‘मेरे लिए एक अच्‍छे सितार-वादक का प्रबन्‍ध करो, और उसे मेरे पास लाओ।’ युवकों में से एक ने उसे उत्तर दिया, ‘मैंने बेतलेहम नगर के रहने वाले यिशय के एक पुत्र को देखा है। वह सितार बजाना जानता है। वह साहसी है। वह योद्धा है। वह बात करने में कुशल है। उसका रूप-रंग सुन्‍दर है। इसके अतिरिक्‍त, प्रभु उसके साथ है।’ अत: शाऊल ने यिशय के पास दूतों को यह कहने के लिए भेजा, ‘तुम अपने पुत्र दाऊद को, जो भेड़-बकरियों के साथ है, मेरे पास भेजो।’ यिशय ने पाँच रोटियाँ, अंगूर के रस से भरी एक मशक तथा बकरी का एक बच्‍चा लिया, और उनको अपने पुत्र दाऊद के द्वारा शाऊल के पास भेज दिया। दाऊद शाऊल के पास आया। वह उसकी सेवा करने लगा। शाऊल उससे बहुत प्रेम करता था। दाऊद उसका शस्‍त्रवाहक बन गया। शाऊल ने यिशय को दूत के हाथ यह सन्‍देश भेजा, ‘दाऊद को मेरी सेवा करने दो। उसे मेरी कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त है।’ जब परमेश्‍वर की ओर से बुरी आत्‍मा शाऊल पर उतरती थी, तब दाऊद सितार लेता और उसको अपने हाथ से बजाता था। यों शाऊल को आराम मिलता और वह स्‍वस्‍थ हो जाता था और बुरी आत्‍मा उसको छोड़कर चली जाती थी।