1 पतरस 5:1-11

1 पतरस 5:1-11 HINCLBSI

आप लोगों में जो धर्मवृद्ध हैं, उन से मेरा एक अनुरोध है। मैं भी धर्मवृद्ध हूँ, मसीह के दु:खभोग का साक्षी और भविष्‍य में प्रकट होने वाली महिमा का सहभागी। आप लोगों को परमेश्‍वर का जो झुण्‍ड सौंपा गया, उसका चरवाहा बनें, परमेश्‍वर की इच्‍छा के अनुसार उसकी देखभाल करें-लाचारी से नहीं, बल्‍कि स्‍वेच्‍छा से; घिनावने लाभ के लिए नहीं, बल्‍कि सेवाभाव से; अपने सौंपे हुए लोगों पर अधिकार न जता कर, बल्‍कि झुण्‍ड के लिए आदर्श बन कर, यह सेवा करें। जिस समय प्रधान चरवाहा प्रकट होंगे, आप लोगों को कभी न मुरझाने वाली महिमा का मुकुट प्राप्‍त होगा। और तुम, नवयुवको! धर्मवृद्धों की अधीनता स्‍वीकार करो। आप सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा के लिए कमर कस कर तैयार रहें; क्‍योंकि परमेश्‍वर घमण्‍डियों का विरोध करता है, किन्‍तु वह विनम्र लोगों पर दया करता है। आप परमेश्‍वर के समर्थ हाथ के नीचे विनम्र बने रहें, जिससे वह आप को उपयुक्‍त समय में ऊपर उठाये। आप अपनी सारी चिन्‍ताएँ उस पर छोड़ दें, क्‍योंकि उसे आपकी चिंता है। आप संयम रखें और जागते रहें! आपका विरोधी, शैतान, दहाड़ते हुए सिंह की तरह विचरता है और ढूँढ़ता रहता है कि किसे फाड़ खाये। आप विश्‍वास में दृढ़ हो कर उसका सामना करें। आप जानते हैं कि संसार भर में आपके भाई-बहिन भी इस प्रकार का दु:ख भोग रहे हैं। परमेश्‍वर ने, जो सम्‍पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्‍वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्‍थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा। उसका सामर्थ्य युगानुयुग बना रहता है। आमेन!