1 पतरस 4:2-8

1 पतरस 4:2-8 HINCLBSI

और उसे मानवीय वासनाओं के अनुसार नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार अपना शेष जीवन बिताना चाहिए। आप लोगों ने पहले सांसारिक लोगों की जीवनचर्या के अनुसार व्‍यभिचार, भोग-विलास, मदिरापान, रंगरलियों, मादकता और घृणित मूर्तिपूजा में जो समय बिताया, वही बहुत हुआ। अब आप उन लोगों के साथ विलासिता के दलदल में गोता नहीं लगाते, इसलिए उन्‍हें आश्‍चर्य होता और वे आपकी निन्‍दा करते हैं। उन्‍हें जीवितों और मृतकों का न्‍याय करनेवाले परमेश्‍वर को अपने आचरण का लेखा देना पड़ेगा। यही कारण है कि मृतकों को भी शुभ समाचार सुनाया गया, जिससे यद्यपि वे शरीर में मनुष्‍यों की तरह दण्‍डित हुए थे, फिर भी आत्‍मा में वे परमेश्‍वर के अनुरूप जीवित रहें। सब का अन्‍त निकट आ गया है। आप लोग सन्‍तुलन तथा संयम रखें, जिससे आप प्रार्थना कर सकें। मुख्‍य बात यह है कि आप आपस में गहरा प्रेम बनाये रखें, क्‍योंकि प्रेम बहुत-से पाप ढाँक देता है।