1 राजा 3:3-14

1 राजा 3:3-14 HINCLBSI

सुलेमान को प्रभु से प्रेम था। वह अपने पिता दाऊद की संविधियों पर चलता था। परन्‍तु वह भी पहाड़ी शिखर की वेदी पर पशु-बलि चढ़ाता था और सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाता था। एक दिन राजा सुलेमान पशु-बलि चढ़ाने के लिए गिबओन नगर गया; क्‍योंकि वहां पहाड़ी शिखर की महावेदी थी। सुलेमान ने उस महावेदी पर एक हजार अग्‍नि-बलि चढ़ाई। प्रभु परमेश्‍वर ने वहां रात के समय स्‍वप्‍न में सुलेमान को दर्शन दिया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘मांग, मैं तुझे क्‍या दूं?’ सुलेमान ने उत्तर दिया, ‘तू अपने सेवक, मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा; क्‍योंकि वह तेरे सम्‍मुख सच्‍चाई, धार्मिकता और सरल हृदय से चलते थे। तूने उन पर सबसे बड़ी करुणा यह की, कि उनको एक पुत्र प्रदान किया जो आज उनके सिंहासन पर बैठा है। हे मेरे प्रभु परमेश्‍वर, यद्यपि मैं अबोध बालक हूं, मैं सेना का नेतृत्‍व करना नहीं जानता, तथापि तूने अपने सेवक को, मुझको, मेरे पिता दाऊद के स्‍थान पर राजा नियुक्‍त किया है। मैं, तेरा सेवक, तेरे निज लोगों के मध्‍य में हूं, जिनको तूने चुना है, जो संख्‍या में बहुत हैं, जिनकी गणना नहीं की जा सकती। अत: तू अपने सेवक को ऐसा हृदय प्रदान कर कि वह प्रजा की बात सुने, उनका न्‍याय करे; वह भले और बुरे को परख सके। प्रभु, तेरी इस महाप्रजा पर कौन शासन कर सकता है?’ प्रभु परमेश्‍वर को अपनी दृष्‍टि में यह बात अच्‍छी लगी कि सुलेमान ने उससे यह मांगा। परमेश्‍वर ने उससे कहा, ‘तूने अपने लिए दीर्घायु नहीं मांगी। तूने धन-सम्‍पत्ति नहीं मांगी। तूने अपने शत्रुओं के प्राण नहीं मांगे। वरन् तूने यह मांगा : न्‍याय करने के लिए विवेक! इसलिए मैं तेरे निवेदन के अनुसार कार्य करूंगा। देख, मैं तुझे बुद्धि और विवेक से परिपूर्ण हृदय प्रदान करता हूं। तुझसे पहले और तेरे बाद तेरे समान बुद्धिमान राजा कोई नहीं होगा। इसके अतिरिक्‍त जो तूने नहीं मांगा, वह भी मैं तुझे देता हूं : धन-सम्‍पत्ति और वैभव! तेरे जीवन-काल में कोई भी राजा तेरे समान समृद्ध और वैभवशाली नहीं होगा। जैसे तेरा पिता दाऊद मेरे मार्गों पर चलता था वैसे ही यदि तू भी चलेगा, मेरी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करेगा तो तुझे दीर्घायु प्रदान करूंगा।’

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