1 राजा 19:2-8

1 राजा 19:2-8 HINCLBSI

अत: ईजेबेल ने एलियाह के पास एक दूत के हाथ से सन्‍देश भेजा, ‘जैसे तूने मेरे नबियों के प्राण लिए, वैसे ही यदि मैं कल इस समय तक तेरा प्राण न लूं, तो देवता मेरे साथ कठोरतम व्‍यवहार करें।’ एलियाह डर गए। वह उठे और प्राण बचा कर भागे। वह यहूदा प्रदेश के बएर-शेबा नगर में आए। वहाँ उन्‍होंने अपने सेवक को छोड़ दिया, और स्‍वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्‍होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्‍होंने प्रभु से अपनी मृत्‍यु मांगी। उन्‍होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’ तब वह झाऊ वृक्ष के नीचे लेट गए। उन्‍हें नींद आ गई। अचानक एक स्‍वर्गदूत ने उनका स्‍पर्श किया। उसने एलियाह से कहा, ‘उठ! भोजन कर।’ एलियाह ने चारों ओर देखा। उनके सिरहाने पर गर्म तन्‍दूर पर सेंकी हुई रोटी और पानी से भरा हुआ एक घड़ा था। एलियाह ने रोटी खाई, और पानी पिया। तत्‍पश्‍चात् वह फिर लेट गए। प्रभु का दूत दूसरी बार आया। उसने एलियाह का पुन: स्‍पर्श किया। वह बोला, ‘उठ, भोजन कर, क्‍योंकि तुझे बहुत दूर जाना है।’ अत: एलियाह उठे। उन्‍होंने खाया-पिया। वह इस भोजन से बल प्राप्‍त कर चालीस दिन और चालीस रात चलते रहे, और परमेश्‍वर के पर्वत होरेब पर पहुंचे।