और वह साक्षी यह है-परमेश्वर ने हमें शाश्वत जीवन प्रदान किया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। जिसे पुत्र प्राप्त है, उसे वह जीवन प्राप्त है और जिसे परमेश्वर का पुत्र प्राप्त नहीं है, उसे वह जीवन प्राप्त नहीं। तुम सब परमेश्वर के पुत्र के नाम में विश्वास करते हो। मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ जिससे तुम यह जानो कि तुम्हें शाश्वत जीवन प्राप्त है। हमें परमेश्वर पर यह पूर्ण भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्छानुसार उस से कुछ भी माँगते हैं, तो वह हमारी सुनता है। यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्वर से माँगा है वह हमें मिल गया है। यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए। सब अधर्म पाप है, किन्तु ऐसा पाप भी है जो प्राणघातक नहीं है। हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्ट शैतान उसे स्पर्श तक नहीं करने पाता। हम जानते हैं कि हम परमेश्वर के हैं, जब कि समस्त संसार उस दुष्ट के वश में है।
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