1 कुरिन्थियों 3:5-15

1 कुरिन्थियों 3:5-15 HINCLBSI

अपुल्‍लोस क्‍या है? पौलुस क्‍या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्‍यम से आप लोग विश्‍वासी बने, हममें प्रत्‍येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा। मैंने पौधा रोपा, अपुल्‍लोस ने उसे सींचा, किन्‍तु परमेश्‍वर ने उसे बड़ा किया। न तो रोपने वाले का कोई महत्व है और न सींचने वाले का, बल्‍कि बढ़ाने वाले अर्थात परमेश्‍वर का ही महत्व है। रोपने वाला और सींचने वाला एक ही काम करते हैं और प्रत्‍येक अपने-अपने परिश्रम के अनुरूप अपनी मज़दूरी पायेगा। हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं और आप लोग हैं — परमेश्‍वर का खेत। आप परमेश्‍वर का भवन भी हैं। परमेश्‍वर से प्राप्‍त अनुग्रह के अनुसार मैंने गृह निर्माण के कुशल कारीगर की तरह नींव डाली है। कोई दूसरा ही इसके ऊपर भवन का निर्माण कर रहा है। हर एक को सावधान रहना है कि वह किस तरह निर्माण करता है। जो नींव डाली गयी है, उसे छोड़ कर दूसरी नींव कोई नहीं डाल सकता, और वह नींव है येशु मसीह। यदि इस नींव पर अन्‍य व्यक्‍ति अपने-अपने निर्माण-कार्य में सोना, चांदी, बहुमूल्‍य पत्‍थर, लकड़ी, घास अथवा भूसा काम में लायेंगे, तो हर एक का यह कार्य प्रकट किया जायेगा। न्‍याय का दिन, जो आग के साथ प्रदीप्‍त होगा, उसे प्रकट कर देगा और उस आग द्वारा हर एक के कार्य की परीक्षा ली जायेगी। जिसका निर्माण-कार्य बना रहेगा, उसे पुरस्‍कार मिलेगा। जिसका निर्माण-कार्य जल जायेगा, उसे पुरस्‍कार नहीं मिलेगा। फिर भी वह बच जायेगा, जैसे कोई आग पार कर बच जाता है।

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