यदि यही संदेश सुनाया जाता है कि मसीह मृतकों में से जी उठे, तो आप लोगों में से कुछ यह कैसे कहते हैं कि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता? यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे। यदि मसीह नहीं जी उठे, तो हमारा संदेश सुनाना व्यर्थ है और आप लोगों का विश्वास करना भी व्यर्थ है। तब हम ने परमेश्वर के विषय में मिथ्या साक्षी दी; क्योंकि हमने परमेश्वर के विषय में यह साक्षी दी है कि उसने मसीह को पुनर्जीवित किया और यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो उसने ऐसा नहीं किया। कारण, यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे। यदि मसीह नहीं जी उठे, तो आप लोगों का विश्वास करना मिथ्या है और आप अब तक अपने पापों में फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं, जो लोग मसीह में विश्वास करते हुए मरे हैं, उनका भी विनाश हुआ है। यदि मसीह पर हमारी आशा इस जीवन तक ही सीमित है, तो हम सब मनुष्यों में सब से अधिक दयनीय हैं। किन्तु वास्तविकता यह है कि मसीह मृतकों में से जी उठे हैं। जो लोग मृत्यु में सो गये हैं, उन में से वह सब से पहले जी उठे। मृत्यु तो मनुष्य द्वारा आयी थी, इसलिए मनुष्य द्वारा ही मृतकों का पुनरुत्थान हुआ है। जिस तरह सब मनुष्य आदम में मरते हैं, उसी तरह सब मसीह में पुनर्जीवित किये जायेंगे।
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