भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को उस शुभ-समाचार का स्मरण दिलाना चाहता हूँ, जिसका प्रचार मैंने आपके बीच किया, जिसे आपने ग्रहण किया और जिस में आप दृढ़ बने हुए हैं। यदि आप शुभ-समाचार उसी रूप में बनाये रखेंगे, जिस रूप में मैंने उसे आपको सुनाया है, तो उसके द्वारा आप को मुक्ति प्राप्त होगी। नहीं तो आपका विश्वास करना व्यर्थ होगा।
मैंने आप लोगों को सबसे पहले वह विश्वास सौंप दिया जो मुझे प्राप्त हुआ था, अर्थात धर्मग्रन्थ के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरे, वह कबर में रखे गए और धर्मग्रन्थ के अनुसार तीसरे दिन जी उठे। वह कैफा को और बाद में बारहों को दिखाई दिये।
फिर वह एक ही समय पाँच सौ से अधिक भाइयों और बहिनों को दिखाई दिये। उन में से अधिकांश आज भी जीवित हैं, यद्यपि कुछ का देहान्त हो चुका है। बाद में वह याकूब को और फिर सब प्रेरितों को दिखाई दिये।
सब से अन्त में वह मुझे भी दिखाई दिये, जो मानो असमय जन्मा था! मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूँ। सच पूछिए, तो मैं प्रेरित कहलाने योग्य भी नहीं; क्योंकि मैंने परमेश्वर की कलीसिया पर अत्याचार किया है। मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
अस्तु, चाहे मैं हूँ चाहे वे हों, हम वही संदेश सुनाते हैं और उसी पर आप लोगों ने विश्वास किया है।
यदि यही संदेश सुनाया जाता है कि मसीह मृतकों में से जी उठे, तो आप लोगों में से कुछ यह कैसे कहते हैं कि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता? यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे। यदि मसीह नहीं जी उठे, तो हमारा संदेश सुनाना व्यर्थ है और आप लोगों का विश्वास करना भी व्यर्थ है। तब हम ने परमेश्वर के विषय में मिथ्या साक्षी दी; क्योंकि हमने परमेश्वर के विषय में यह साक्षी दी है कि उसने मसीह को पुनर्जीवित किया और यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो उसने ऐसा नहीं किया। कारण, यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे। यदि मसीह नहीं जी उठे, तो आप लोगों का विश्वास करना मिथ्या है और आप अब तक अपने पापों में फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं, जो लोग मसीह में विश्वास करते हुए मरे हैं, उनका भी विनाश हुआ है। यदि मसीह पर हमारी आशा इस जीवन तक ही सीमित है, तो हम सब मनुष्यों में सब से अधिक दयनीय हैं।
किन्तु वास्तविकता यह है कि मसीह मृतकों में से जी उठे हैं। जो लोग मृत्यु में सो गये हैं, उन में से वह सब से पहले जी उठे। मृत्यु तो मनुष्य द्वारा आयी थी, इसलिए मनुष्य द्वारा ही मृतकों का पुनरुत्थान हुआ है। जिस तरह सब मनुष्य आदम में मरते हैं, उसी तरह सब मसीह में पुनर्जीवित किये जायेंगे। सब अपने क्रम के अनुसार, सब से पहले मसीह और बाद में उनके पुनरागमन के समय वे, जो मसीह के हैं। जब मसीह प्रत्येक आधिपत्य, अधिकार तथा शक्ति को नष्ट कर अपना राज्य पिता परमेश्वर को सौंप देंगे, तब युगान्त आ जाएगा। क्योंकि वह तब तक राज्य करेंगे, जब तक परमेश्वर सब शत्रुओं को उनके चरण तले न डाल दे। सब के अन्त में नष्ट किया जाने वाला शत्रु है-मृत्यु। धर्मग्रन्थ कहता है कि, “परमेश्वर ने सब कुछ उसके चरण तले डाल दिया है”; किन्तु जब वह कहता है कि “सब कुछ” उसके अधीन है, तो यह स्पष्ट है कि परमेश्वर, जिसने सब कुछ मसीह के अधीन किया है, इस “सब कुछ” में सम्मिलित नहीं है। जब सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया जायेगा, तब पुत्र स्वयं उस परमेश्वर के अधीन हो जायेगा, जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया और इस प्रकार परमेश्वर सब पर पूर्ण शासन करेगा।