1 कुरिन्थियों 12:1-8

1 कुरिन्थियों 12:1-8 HINCLBSI

भाइयो और बहिनो! हम चाहते हैं कि आप लोगों को आध्‍यात्‍मिक वरदानों के विषय में निश्‍चित जानकारी हो। आप जानते हैं कि जब आप अन्‍यधर्मी थे, तो आप विवश हो कर गूंगी मूर्तियों की ओर खिंच जाते थे। इसलिए मैं आप लोगों को बता देता हूँ कि कोई भी व्यक्‍ति परमेश्‍वर के आत्‍मा से प्रेरित हो कर यह नहीं कहता,“येशु शापित हो” और कोई भी व्यक्‍ति पवित्र आत्‍मा की प्रेरणा के बिना यह नहीं कह सकता,“येशु ही प्रभु है।” वरदान तो नाना प्रकार के होते हैं; किन्‍तु आत्‍मा एक ही है। सेवाएँ तो नाना प्रकार की होती हैं, किन्‍तु प्रभु एक ही हैं। प्रभावशाली कार्य तो नाना प्रकार के होते हैं, किन्‍तु एक ही परमेश्‍वर द्वारा सब में सब कार्य सम्‍पन्न होते हैं। प्रत्‍येक व्यक्‍ति को सब के कल्‍याण के लिए आत्‍मा का प्रकाश मिलता है। किसी को आत्‍मा द्वारा प्रज्ञ का संदेश सुनाने का, किसी को उसी आत्‍मा द्वारा ज्ञान के शब्‍द बोलने का