1 इतिहास 16:7-36

1 इतिहास 16:7-36 HINCLBSI

उसी दिन दाऊद ने सर्वप्रथम आसाफ और उसके चचेरे भाई-बन्‍धुओं को नियुक्‍त किया कि वे प्रभु के अद्भुत कार्यों के उपलक्ष्य में यह स्‍तुति-गान करें: ‘प्रभु की सराहना करो उसका नाम घोषित करो; सब जातियों में उसके कार्य प्रकट करो! उसके लिए गाओ, उसकी स्‍तुति गाओ; उसके समस्‍त अद्भुत कार्यों का वर्णन करो! तुम उसके पवित्र नाम पर गौरव करो; प्रभु-खोजियों के हृदय आनन्‍दित हों! प्रभु को, उसके सामर्थ्य को खोजो, उसके मुख को निरन्‍तर खोजते रहो! उसके अद्भुत कार्यों को, जो उसने किए हैं, उसके चमत्‍कारों को, उसके मुंह से निकले न्‍याय-निर्णयों को स्‍मरण करो, ओ प्रभु के सेवक इस्राएल के वंशजो! ओ प्रभु के मनोनीत याकूब के पुत्रो! ‘वही प्रभु हमारा परमेश्‍वर है; समस्‍त पृथ्‍वी पर उसके न्‍याय-सिद्धान्‍त व्‍याप्‍त हैं। तुम उसके विधान को सदा स्‍मरण रखो; उस वचन को, जो उसने हजार पीढ़ियों को दिया है। उस विधान को कभी नहीं भूलना जो उसने अब्राहम के साथ स्‍थापित किया था; उस शपथ को जो उसने इसहाक के साथ खाई थी। उसने याकूब के लिए संविधि, इस्राएल के लिए शाश्‍वत विधान निश्‍चित किया था। उसने यह कहा था, “मैं तुझे कनान देश दूँगा; वह तुम्‍हारा पैतृक भूमि-भाग होगा!” ‘जब वे संख्‍या में नगण्‍य थे, बहुत कम थे, जब वे वहाँ प्रवासी थे; जब वे एक राष्‍ट्र से दूसरे राष्‍ट्र को, एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में भटकते-फिरते थे; तब प्रभु ने किसी व्यक्‍ति को उन पर अत्‍याचार नहीं करने दिया; उसने उनके कारण राजाओं को भी डांटा: “मेरे अभिषिक्‍तों को स्‍पर्श मत करना; मेरे नबियों का अनिष्‍ट न करना।” ‘हे पृथ्‍वी के लोगो, प्रभु के लिए गाओ! दिन-प्रतिदिन उसके उद्धार का सन्‍देश सुनाओ। राष्‍ट्रों में उसकी महिमा का, समस्‍त जातियों में उसके अद्भुत कार्यों का वर्णन करो। प्रभु महान है; वह स्‍तुति के अत्‍यन्‍त योग्‍य है; वह समस्‍त देवताओं से अधिक भक्‍ति के योग्‍य है! अन्‍य जातियों के देवतागण मात्र मूर्तियां हैं; पर प्रभु ने स्‍वर्ग को निर्मित किया है। उसके सम्‍मुख यश और प्रताप हैं; उसके निवास-स्‍थान में शक्‍ति और सुख- आनन्‍द हैं। ‘हे अन्‍य जातियों के कुलो, प्रभु का गुणगान करो! प्रभु की महिमा और शक्‍ति का गुणगान करो! प्रभु के नाम की महिमा का गुणगान करो! भेंट लेकर उसके आंगनों में प्रवेश करो। पवित्र भव्‍यता से उसकी आराधना करो; हे पृथ्‍वी के लोगो, उसके सम्‍मुख कांपते रहो। उसने संसार को स्‍थिर और अटल बनाया है। स्‍वर्ग आनन्‍दित और पृथ्‍वी हर्षित हो, लोग राष्‍ट्रों में यह कहें, “प्रभु ही राज्‍य करता है!” सागर और उसकी परिपूर्णता गर्जन करे। धरती और जो कुछ उसमें है, वह प्रफुल्‍लित हो! वन के समस्‍त वृक्ष प्रभु के सम्‍मुख जय-जयकार करेंगे। वह पृथ्‍वी का न्‍याय करने को आएगा। प्रभु की सराहना करो, क्‍योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है। ‘यह भी कहो: “हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, हमारा उद्धार कर! हम विभिन्न राष्‍ट्रों में तितर-बितर हैं; वहाँ से हमें एक स्‍थान पर एकत्र कर, हमारी रक्षा कर, ताकि हम तेरे पवित्र नाम का गुणगान करें, तेरी स्‍तुति से आनन्‍दित हों। प्रभु, इस्राएल का परमेश्‍वर, अनादि काल से युग-युगान्‍त धन्‍य है!” ’ तब सब लोगों ने यह कहा, ‘आमेन!’ और प्रभु की स्‍तुति की।

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