वे परमेश्वर की मंजूषा भीतर लाए। उन्होंने मंजूषा को तम्बू के मध्य में प्रतिष्ठित किया। यह तम्बू दाऊद ने मंजूषा के लिए गाड़ा था। तत्पश्चात् उन्होंने परमेश्वर के सम्मुख अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाई। अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाने के बाद दाऊद ने उपस्थित लोगों को प्रभु के नाम से आशिष दी। उसने सब इस्राएलियों को, प्रत्येक स्त्री-पुरुष को, रोटी का एक टुकड़ा, मांस की एक बोटी तथा किशमिश की एक टिकिया वितरित की। इसके अतिरिक्त दाऊद ने उप-पुरोहितों में से कुछ व्यक्तियों को धर्म-सेवकों के रूप में नियुक्त किया। ये प्रभु की मंजूषा के सम्मुख उपस्थित रहते थे। इनका कार्य यह था: इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर का स्मरण, सराहना और स्तुति करना। आसाफ उनका अगुआ था। ये आसाफ के सहायक थे: जकर्याह, येईएल, शमीरामोट, यहीएल, मत्तित्याह, एलीआब, बनायाह, ओबेद-एदोम और यईएल। ये सारंगी और वीणा बजाते थे। आसाफ झांझ बजाता था। बनायाह और यहीएल परमेश्वर की विधान-मंजूषा के सम्मुख तुरही निरन्तर बजाने के लिए नियुक्त किए गए। उसी दिन दाऊद ने सर्वप्रथम आसाफ और उसके चचेरे भाई-बन्धुओं को नियुक्त किया कि वे प्रभु के अद्भुत कार्यों के उपलक्ष्य में यह स्तुति-गान करें
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