प्रकाशन 12:7-17

प्रकाशन 12:7-17 HSS

तब स्वर्ग में दोबारा युद्ध छिड़ गया: स्वर्गदूत मीख़ाएल और उसके अनुचरों ने परों वाले सांप पर आक्रमण किया. परों वाले सांप और उसके दूतों ने उनसे बदला लिया किंतु वे टिक न सके इसलिये अब स्वर्ग में उनका कोई स्थान न रहा. तब उस परों वाले सांप को—उस आदि सांप को, जो दियाबोलॉस तथा शैतान कहलाता है और जो पृथ्वी के सभी वासियों को भरमाया करता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया—उसे तथा उसके दूतों को भी. तब मुझे स्वर्ग में एक ऊंचा शब्द यह घोषणा करता हुआ सुनाई दिया: “अब उद्धार, प्रताप, हमारे परमेश्वर का राज्य, तथा उनके मसीह का राज्य करने का अधिकार प्रकट हो गया है. हमारे भाई बहनों पर दोष लगानेवाले को, जो दिन-रात परमेश्वर के सामने उन पर दोष लगाता रहता है, निकाल दिया गया है. उन्होंने मेमने के लहू तथा अपने गवाही के वचन के द्वारा, उसे हरा दिया है. अंतिम सांस तक उन्होंने अपने जीवन का मोह नहीं किया. इसलिये सारे स्वर्ग तथा उसके वासियों, आनंदित हो! धिक्कार है तुम पर भूमि और समुद्र! क्योंकि शैतान तुम तक पहुंच चुका है. वह बड़े क्रोध में भर गया है, क्योंकि उसे मालूम हो चुका है कि उसका समय बहुत कम है.” जब परों वाले सांप को यह अहसास हुआ कि उसे पृथ्वी पर फेंक दिया गया है, तो वह उस स्त्री को, जिसने उस पुत्र को जन्म दिया था, ताड़ना देने लगा. उस स्त्री को एक विशालकाय गरुड़ के दो पंख दिए गए कि वह उड़कर उस सांप से दूर, बंजर भूमि में अपने निर्धारित स्थान को चली जाए, जहां समय, समयों तथा आधे समय तक उसकी देखभाल तथा भरण-पोषण किया जाना तय हुआ था. इस पर उस सांप ने अपने मुंह से नदी के समान जल इस रीति से बहाया कि वह स्त्री उस बहाव में बह जाए. किंतु उस स्त्री की सहायता के लिए भूमि ने अपना मुंह खोलकर परों वाले सांप द्वारा बहाए पानी के बहाव को अपने में समा लिया. इस पर परों वाला सांप उस स्त्री पर बहुत ही क्रोधित हो गया. वह स्त्री की बाकी संतानों से, जो परमेश्वर के आदेशों का पालन करती है तथा जो मसीह येशु के गवाह हैं, युद्ध करने निकल पड़ा.