मेरे प्राण, याहवेह का स्तवन करो, उनके किसी भी उपकार को न भूलो. वह तेरे सब अपराध क्षमा करते तथा तेरे सब रोग को चंगा करते हैं. वही तेरे जीवन को गड्ढे से छुड़ा लेते हैं तथा तुझे करुणा-प्रेम एवं मनोहरता से सुशोभित करते हैं.
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