मार्कास 14:27-53

मार्कास 14:27-53 HSS

उनसे मसीह येशु ने कहा, “तुम सभी मेरा साथ छोड़कर चले जाओगे. जैसा कि इस संबंध में पवित्र शास्त्र का लेख है: “मैं चरवाहे का संहार करूंगा और झुंड की सभी भेड़ें तितर-बितर हो जाएंगी. हां, पुनर्जीवित किए जाने के बाद मैं तुमसे पहले गलील प्रदेश पहुंच जाऊंगा.” पेतरॉस ने कहा, “सभी आपका साथ छोड़कर जाएं तो जाएं, किंतु मैं आपको कभी न छोड़ूंगा.” मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक अटल सत्य प्रकट कर रहा हूं; आज रात में ही, इससे पहले कि मुरगा दो बार बांग दे, तुम मुझे तीन बार नकार चुके होंगे.” किंतु पेतरॉस दृढतापूर्वक कहते रहे, “यदि मुझे आपके साथ मृत्यु को अपनाना भी पड़े तो भी मैं आपको नहीं नकारूंगा.” अन्य सभी शिष्यों ने भी यही दोहराया. वे गेतसेमनी नामक स्थान पर आए. मसीह येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जब तक मैं प्रार्थना कर रहा हूं, तुम यहीं ठहरो.” उन्होंने अपने साथ पेतरॉस, याकोब तथा योहन को ले लिया. वह अत्यंत अधीर तथा व्याकुल हो रहे थे. मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे प्राण इतने व्याकुल हैं मानो मेरी मृत्यु हो रही हो. तुम यहीं ठहरो और जागते रहो.” वह उनसे थोड़ी ही दूर गए और भूमि पर गिरकर यह प्रार्थना करने लगे कि यदि संभव हो तो यह क्षण टल जाए. प्रार्थना में उन्होंने कहा, “अब्बा! पिता! आपके लिए तो सभी कुछ संभव है. मेरे सामने रखे इस प्याले को हटा दीजिए. फिर भी मेरी नहीं, आपकी इच्छा के अनुरूप हो.” जब मसीह येशु वहां लौटकर आए तो शिष्यों को सोता हुआ पाया. उन्होंने पेतरॉस से कहा, “शिमओन! सोए हुए हो! एक घंटा भी जागे न रह सके! सजग रहो, प्रार्थना करते रहो, ऐसा न हो कि तुम परीक्षा में पड़ जाओ. हां, निःसंदेह आत्मा तो तैयार है किंतु शरीर दुर्बल.” तब उन्होंने दोबारा जाकर वही प्रार्थना की. वह दोबारा लौटकर आए तो देखा कि शिष्य सोए हुए हैं—क्योंकि उनकी पलकें बोझिल थी. उन्हें यह भी नहीं सूझ रहा था कि प्रभु को क्या उत्तर दें. जब मसीह येशु तीसरी बार उनके पास आए तो उन्होंने उनसे कहा, “अभी भी सो रहे हो? सोते रहो और विश्राम करो! बहुत हो गया! वह क्षण आ गया है. देख लो कैसे मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों में सौंपा जा रहा है! उठो! यहां से चलें. देखो, जो मुझे पकड़वाने पर है, वह आ गया!” जब मसीह येशु यह कह ही रहे थे, उसी क्षण यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, आ पहुंचा. उसके साथ तलवार और लाठियां लिए हुए एक भीड़ भी थी. ये सब प्रधान पुरोहितों, शास्त्रियों तथा पुरनियों द्वारा भेजे गए थे. पकड़वानेवाले ने उन्हें यह संकेत दिया था: “मैं जिसे चूमूं, वही होगा वह. उसे पकड़कर सिपाहियों की सुरक्षा में ले जाना.” वहां पहुंचते ही यहूदाह सीधे मसीह येशु के पास गया और उनसे कहा, “रब्बी” और उन्हें चूम लिया. इस पर उन्होंने मसीह येशु को पकड़कर बांध लिया. उनमें से, जो मसीह के साथ थे, एक ने तलवार खींची और महापुरोहित के दास पर प्रहार कर दिया जिससे उसका एक कान कट गया. मसीह येशु ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे पकड़ने के लिए तुम तलवार और लाठियां लेकर आए हो मानो मैं कोई डाकू हूं! मंदिर में शिक्षा देते हुए मैं प्रतिदिन तुम्हारे साथ ही होता था, तब तो तुमने मुझे नहीं पकड़ा किंतु अब जो कुछ घटित हो रहा है वह इसलिये कि पवित्र शास्त्र का लेख पूरा हो.” सभी शिष्य मसीह येशु को छोड़ भाग चुके थे. एक युवक था, जो मसीह येशु के पीछे-पीछे आ रहा था. उसने अपने शरीर पर मात्र एक चादर लपेटी हुई थी. जब उन्होंने उसे पकड़ना चाहा, वह अपनी उस चादर को छोड़ नंगा ही भाग निकला. वे मसीह येशु को महापुरोहित के सामने ले गए, वहां सभी प्रधान पुरोहित, वरिष्ठ नागरिक तथा शास्त्री इकट्ठा थे.