मत्तियाह 2:1-12

मत्तियाह 2:1-12 HSS

जब राजा हेरोदेस के शासनकाल में यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर में येशु का जन्म हुआ, तब पूर्ववर्ती देशों से ज्योतिष येरूशलेम नगर आए और पूछताछ करने लगे, “कहां हैं वह—यहूदियों के राजा, जिन्होंने जन्म लिया है? पूर्ववर्ती देशों में हमने उनका तारा देखा है और हम उनकी आराधना करने के लिए यहां आए हैं.” यह सुन राजा हेरोदेस व्याकुल हो उठा और उसके साथ सभी येरूशलेम निवासी भी. राजा हेरोदेस ने प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों को इकट्ठा कर उनसे पूछताछ की कि वह कौन सा स्थान है जहां मसीह के जन्म लेने का संकेत है? उन्होंने उत्तर दिया, “यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर में, क्योंकि भविष्यवक्ता का लेख है: “ ‘और तुम, यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर, यहूदिया प्रदेश के नायकों के मध्य किसी भी रीति से छोटे नहीं हो क्योंकि तुममें से ही एक राजा का आगमन होगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा होगा.’” इसलिये हेरोदेस ने ज्योतिषियों को अलग ले जाकर उनसे उस तारे के उदय होने का ठीक-ठीक समय मालूम किया और उन्हें बेथलेहेम नगर भेजते हुए कहा, “आप लोग जाकर सावधानीपूर्वक उस बालक की खोज कीजिए और जब वह आपको मिल जाए तो मुझे इसकी सूचना दीजिए कि मैं भी उसकी वंदना करने जा सकूं.” राजा की आज्ञा सुन उन्होंने अपनी यात्रा दोबारा प्रारंभ की. उन्हें वही तारा दिखाई दिया, जो उन्होंने पूर्ववर्ती देशों में देखा था. वे उसके दर्शन में आगे बढ़ते चले गए जब तक वह तारा उस बालक के घर पर जाकर ठहर न गया. उसे देखकर वे बड़े आनंद से भर गए. घर में प्रवेश करने पर उन्होंने उस बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा और झुककर उस बालक की आराधना की और फिर उन्होंने अपने कीमती उपहार सोना, लोबान और गन्धरस उसे भेंट चढ़ाई. उन्हें स्वप्न में परमेश्वर द्वारा यह चेतावनी दी गई कि वे राजा हेरोदेस के पास लौटकर न जाएं. इसलिये वे एक अन्य मार्ग से अपने देश लौट गए.