1 कोरिंथ 15:50-58

1 कोरिंथ 15:50-58 HSS

प्रिय भाई बहनो, शारीरिक लहू और मांस का मनुष्य परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता और न ही नाशमान अविनाशी में. सुनो! मैं तुम पर एक भेद प्रकट करता हूं: हम सभी सो नहीं जाएंगे परंतु हम सभी का रूप बदल जाएगा—क्षण-भर में, पलक झपकते ही, आखिरी तुरही के स्वर पर. ज्यों ही आखिरी तुरही का स्वर होगा, मरे हुए अविनाशी दशा में जीवित किए जाएंगे और हमारा रूप बदल जाएगा. यह ज़रूरी है कि नाशमान अविनाशी को धारण करे तथा मरणहार अमरता को. किंतु जब यह नाशमान अविनाशी को तथा मरणहार अमरता को धारण कर लेगा तब पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हो जाएगा: “मृत्यु विजय का निवाला बन गई.” मृत्यु! कहां है तेरी विजय? मृत्यु! कहां है तेरा ड़ंक? मृत्यु का ड़ंक है पाप और पाप का बल है व्यवस्था. किंतु हम धन्यवाद करते हैं परमेश्वर का, जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा विजय प्रदान करते हैं. इसलिये मेरे प्रिय भाई बहनो, इस सच्चाई के प्रकाश में कि प्रभु में तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है, तुम प्रभु के काम में उन्‍नत होते हुए हमेशा दृढ़ तथा स्थिर रहो.

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