1
लूका 8:15
नवीन हिंदी बाइबल
परंतु अच्छी भूमि के बीज वे हैं, जो अच्छे और भले मन से वचन सुनकर उसे दृढ़ता से थामे रहते हैं और धीरज से फल लाते हैं।
तुलना
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2
लूका 8:14
कँटीली झाड़ियों में गिरनेवाले बीज वे हैं, जो सुनते तो हैं, परंतु आगे चलकर चिंताओं, धन और जीवन की लालसाओं से दब जाते हैं, और उनका फल नहीं पकता।
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3
लूका 8:13
चट्टान पर के बीज वे हैं जब वे वचन सुनते हैं तो आनंद से ग्रहण करते हैं, परंतु जड़ नहीं पकड़ने के कारण कुछ समय तो विश्वास करते हैं परंतु परीक्षा के समय में बहक जाते हैं।
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4
लूका 8:25
उसने उनसे कहा,“तुम्हारा विश्वास कहाँ है?” पर शिष्य भयभीत और विस्मित होकर आपस में कहने लगे, “आखिर यह है कौन? यह आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे इसकी आज्ञा मानते हैं!”
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5
लूका 8:12
मार्ग के किनारे के बीज वे हैं जिन्होंने सुना, परंतु फिर शैतान आकर उनके मन से वचन को उठा ले जाता है, कि कहीं वे विश्वास करके उद्धार न पा लें।
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6
लूका 8:17
ऐसा कुछ छिपा नहीं जो प्रकट न हो, और ऐसा कोई भेद नहीं जो जाना न जाए और प्रकट न हो।
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7
लूका 8:47-48
जब स्त्री ने यह देखा कि मैं छिप नहीं सकती, तो वह काँपती हुई आई और उसके सामने गिरकर सब लोगों के सामने बताया कि उसने किस कारण से उसे छुआ और कैसे वह तुरंत स्वस्थ हो गई। तब उसने उससे कहा,“बेटी, तेरे विश्वास ने तुझे स्वस्थ कर दिया है; शांति से जा।”
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8
लूका 8:24
तब उन्होंने पास जाकर उसे जगाया और कहा, “स्वामी, स्वामी! हम नाश हो रहे हैं।” उसने उठकर आँधी और पानी की लहरों को डाँटा; और वे थम गईं, तथा शांति छा गई।
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