लगभग दिपहरियाके बार बज्लै रहे। उहे समयसे तीन बजेतक पुरा देशमे अनहार भेलै। आर तखनिहैं सुरुजके रोशनी गुम भ्यागेलै आर चारो महर अनहार-कुप्प भ्यागेलै। तब उटा मोटका पर्दा जे परमेश्वरके मन्दिरमे लट्कैल रहै, जे सभैके परमेश्वरके उपस्थितिमे प्रवेश करैसे रोकते रहै, उप्परसे निच्चातक दी टुकरा भ्याके चिर्ल गेलै