इआमेर से अगर परमातिमा उनहूँ पंचन काहीं उहय दान दिहिन हीं, जउन हमहीं पंचन काहीं प्रभू यीसु मसीह के ऊपर बिसुआस किहे से मिला रहा हय; त परमातिमा काहीं रोंकँइ बाले हम को होइत हएन?” इआ सुनिके, ऊँ पंचे चुप्पय होइगें, अउर परमातिमा के बड़ाई कइके कहँइ लागें, अब त परमातिमा, गैरयहूदी लोगन काहीं घलाय अनन्त जीबन पामँइ के खातिर, मन फिरामँइ के दान दिहिन हीं।