येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “पाप करने की परीक्षाएँ मनुष्य के सामने अवश्य आएँगी। किन्तु धिक्कार है उस व्यक्ति को, जिसके कारण मनुष्य परीक्षा में पड़ता है। जो व्यक्ति इन छोटों में से किसी एक के लिए पाप का कारण बनता है, उस के लिए अच्छा यही होता कि उसके गले में चक्की का पाट बाँधा जाता और वह समुद्र में फेंक दिया जाता।