“तू ने मुझे जो महिमा प्रदान की, वह मैंने उन्हें दे दी है, कि जैसे हम एक हैं, वैसे वे भी एक हों : मैं उन में और तू मुझ में, जिससे वे पूर्ण रूप से एक हो जाएँ और संसार यह जान ले कि तूने मुझे भेजा है और जिस प्रकार तूने मुझ से प्रेम किया, उसी प्रकार उनसे भी प्रेम किया है।