‘यदि तुम सचमुच अपना आचरण सुधारोगे, अपना व्यवहार ठीक करोगे, एक-दूसरे के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करोगे; यदि तुम विदेशियों, अनाथों और विधवाओं पर अत्याचार नहीं करोगे, इस स्थान पर निर्दोष मनुष्य की हत्या नहीं करोगे; यदि तुम अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करोगे जिससे तुम्हारा अनिष्ट होता है; तो मैं तुम्हें इस स्थान में, इस देश में रहने दूंगा, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को सदा-सर्वदा के लिए प्रदान किया था।