प्रभु ने मुझे यह उत्तर दिया, ‘दर्शन को लिख,
पट्टियों पर उसको स्पष्ट अंकित कर,
ताकि दौड़नेवाला भी उसको सरलता से पढ़
सके।
दर्शन के पूर्ण होने में कुछ देर है,
पर वह अवश्य पूरा होगा,
वह झूठा नहीं होगा।
यदि उसके पूर्ण होने में देर हो,
तो प्रतीक्षा कर।
यह दर्शन अवश्य सिद्ध होगा,
उसमें अधिक विलम्ब न होगा।’