तदुपरान्त उन्होंने उनको आशीर्वाद दिया:
‘परमेश्वर, जिसकी उपस्थिति में रहकर
मेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक आचरण
करते थे,
परमेश्वर, जिसने दीर्घायु में आज तक मेरा
नेतृत्व किया,
मेरी समस्त बुराइयों से मुझे मुक्त करने वाला
दूत,
इन बच्चों को आशिष दे।
इनके माध्यम से मेरा और मेरे पूर्वजों,
अब्राहम और इसहाक का नाम चले,
ये महान बनें, और पृथ्वी पर असंख्य
हों।’