अत: प्रभु ने जैसा मुझे आदेश दिया था वैसा ही मैंने किया। मैंने नबूवत की। जब मैं नबूवत कर रहा था तब आवाज सुनाई दी, मानो हड्डियां खड़खड़ा रही हैं। मैंने देखा कि हड्डियां पास आईं और अपनी-अपनी हड्डी से जुड़ गईं। मैं उनको देखता रहा : उन पर नसें भर गईं, उन पर मांस चढ़ गया, और मांस त्वचा से ढक गया। किन्तु उनमें जीवन का सांस नहीं था।