देख, मैं-प्रभु ने यह कहा है,
और यह अवश्य पुरा होगा।
मैं अपने निश्चय को नहीं बदलूंगा।
मैं तुझ पर तरस खा कर
तुझे जीवित नहीं छोड़ूंगा,
और न ही अपने निश्चय के लिए
मैं पछताऊंगा।
ओ यरूशलेम नगरी,
तेरे आचरण और व्यवहार के अनुरूप
मैं तेरा न्याय करूंगा।’
स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।