प्रभु उनके सामने से निकला और उसने घोषित किया, ‘प्रभु! प्रभु! वह दयालु, और अनुग्रह करने वाला, विलम्ब-क्रोधी, अत्यन्त करुणामय, सत्य परमेश्वर है। वह हजारों पीढ़ियों पर करुणा करने वाला; अधर्म, अपराध और पाप को क्षमा करनेवाला है। किन्तु वह दोषी को किसी भी प्रकार निर्दोष सिद्ध न करेगा। वह पूर्वजों के अधर्म का दण्ड तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान तथा आनेवाली संतान को देता रहता है।’