दाऊद ने अबीशय तथा अपने सब दरबारियों से कहा, ‘देखो, मेरे पौरुष का फल, स्वयं मेरा पुत्र मेरा प्राण लेना चाहता है। तब यह बिन्यामिन कुल का व्यक्ति कितना अधिक मेरा प्राण लेने पर तुला हो सकता है। इसे छोड़ दो। अपशब्द कहने दो; क्योंकि प्रभु ने इसे ऐसा करने को कहा है। कदाचित् प्रभु मेरी दुर्दशा पर दृष्टि करे। आज जो अपशब्द मुझे कहे गए, उनके बदले में प्रभु मेरी भलाई करे।’