निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो यूहन्ना 11:25 से संबंधित हैं
शोक/गहरा दुःख
5 दिन
शोक असहनीय महसूस कर सकतें हैं। जबकि नेक/अच्छे मित्र और परिवार/रिश्तेदार सहारा देते हैं और उत्साहित करतें हैं, पर हम अक्सर महसूस करतें हैं जैसे हमें कोई नहीं समझता-कि हमारी इस दुःख की घड़ी में हम अकेले हैं। इस योजना में, आप दिलासा देने वाले वचनों को देखेंगे जिससे आपको परमेश्वर के दृष्टिकोण को ढूंढने/समझने में सहायता मिलेगी, हमारे उद्धारकर्ता की, आपके लिए गहरी सोच/चिंता को महसूस करोगे, और अपने दुःख/दर्द से आराम का अनुभव करोगे।
एक चौथा दिन मनुष्य: मृत्यु में आशा
7 दिन
RREACH के अध्यक्ष और डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के प्रोफेसर डॉ. रमेश रिचर्ड के साथ सात दिन बिताएं, वह हमें पासबान के नज़रिए से मृत्यु कि वास्तविकता के बारे में बताएंगे। हम में से प्रत्येक जन निश्चित तौर पर मृत्यु का सामना करेगा, लेकिन एक मसीही कि मसीह में आशा है- जो कोई उसमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी न मरेगा। क्या आप विश्वास करते हैं?
परमेश्वर हमारा उद्धारकर्ता (छुडानेवाला)
7 दिन
यीशु मसीह में, हमें सच्ची आज़ादी मिलती है। उनका बलिदान हमें पाप और अपराध से मुक्त करता है, हमें अनुग्रह, शांति और उद्देश्य से भरा एक नया जीवन प्रदान करता है। इस आज़ादी को अपनाएं, उसके प्यार में जिएं और उस रास्ते पर आत्मविश्वास से चलें जो उसने आपके लिए तय किया है।
मृत्यु का हत्यारा
8 दिन
RREACH (विश्व प्रसिद्ध सेवाकाई) के अध्यक्ष और डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के प्रोफेसर डॉ. रमेश रिचर्ड के साथ छह दिन बिताएं, जब वे मसीह के कार्य की मृत्यु की हत्या करने वाले के रूप में छान-बीन कर रहे हैं। हालांकि शारीरिक मृत्यु हम सब के लिए वास्तविक है, लेकिन यहाँ पर आशा है- अर्थात यीशु के नाम में अनन्त जीवन।
यीशु के चमत्कार
9 दिन
यीशु के आश्चर्यकर्मों की छानबीन करें। प्रत्येक उसके ईश्वर पुत्र होने की पहचान प्रगट करता है। एक संक्षिप्त वीडियो उदाहरण सहित प्रतिदिन की योजनानुसार एक मुख्य आश्चर्यकर्म दर्शाता है।
दुख का सामना
दस दिन
जब हमारे किसी प्रियजन की मृत्यु होती हैं, हम में विभिन्न भावनाएँ होती हैं। इस १० दिन के मनन में, अपने दुख को संभालना सीखे, जब हमारा कोई प्रियजन प्रभु के पाए चला जाते हैं। मेरी यह प्रार्थना हैं की जैसे आप इस मनन को करते हैं , प्रभु इसे आप को प्रोत्साहित करे। शोक करना ठीक हैं। प्रश्न पूछना ठीक हैं।