निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो 1 यूहन्ना 4:8 से संबंधित हैं
ईस्टर क्या है?
6 दिवस
एक बार, एक व्यक्ति ने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी की। उसने यह भी भविष्यवाणी की कि वह केवल तीन दिनों के लिए मृत रहेगा। और वह सही था! यीशु की मृत्यु और वापिस जीवित होना ईस्टर की कहानी के अद्भुत सत्य हैं। मसीही अभी भी इस दिन को मनाते हैं। लेकिन इसका आपके लिए क्या मतलब है? यह बाइबिल योजना आपको ईस्टर के रेहेस्यों और सुंदरता को समझने में मदद करेगी!
सच्चा परमेश्वर
7 दिन
आप परमेश्वर को कैसे देखते हैं? इस प्रश्न का उत्तर आपको, आपके विश्वास, आत्म-धारणा, स्वभाव, रिश्ते व लक्ष्य को एक आकार प्रदान करता है। परमेश्वर के सम्बन्ध में एक अनुचित धारणा आपके जीवन को हमेशा के लिए जटिल बना सकती है। इसका अर्थ है कि सच्चे परमेश्वर को दूर दृष्टि से देख पाना बुद्धिमानी है - अर्थात उसकी मनसा के अनुसार देखना - आपका जीवन शक्तिशाली ढंग से बदल जाएगा।
सच्चा प्यार क्या है?
12 दिन
सब जानना चाहतें हैं कि वास्तव में प्रेम क्या है। लेकिन बाइबिल प्रेम के विषय में क्या बताती है, कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं। प्रेम, बाइबिल के मुख्य विषयों में से एक तथा मसीह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सदगुण है। थीस्लबेण्ड मिनिस्ट्रीज़ की ओर से यह पठन योजना, बाइबिल आधारित प्रेम के मायने तथा परमेश्वर और सब लोगों से कैसे बेहतर तरीके से प्रेम करें, इन बातों की खोज करती है।
आपके प्रतिदिन के जीवन के लिए वायदें
14 दिन
आपके दिन की शुरुआत जॉयस मेयर से एक व्यावहारिक बाइबल शिक्षण के साथ करें। यह दैनिक उपासना आपको आशा प्रदान करेगी, आपकी मदद करेगी आपके मन को निर्मल करने में और यह जानने में कि आप हर दिन उद्देश्य और उत्साह के साथ जीवन जी सकते हैं!
1 यूहन्ना
25 दिन
जॉन के इस पहले पत्र में कोई बीच का रास्ता नहीं है - या तो हम प्रकाश या अंधकार, सत्य को झूठ, प्रेम या घृणा को चुनते हैं; हम एक या दूसरे को गले लगाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे हम या तो प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं या इनकार करते हैं।
BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन
28 दिन
बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|