मत्ती 4
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यीशु की परीक्षा
(मरकुस १:१२-१३; लूका ४:१-१३)
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इब्रानियों २:१८; ४:१५ तब आत्मा यीशु ख सुनसान जागा म ले गयो ताकि शैतान सी ओकी परीक्षा हो। 2जब ऊ चालीस दिन अऊर चालीस रात उपवास कर लियो, तब ओख बहुत भूख लगी। 3तब शैतान न जवर आय क ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त कह्य दे, कि यो गोटा रोटी बन जाये।”
4यीशु न उत्तर दियो: “यो शास्त्र म लिख्यो हय, ‘आदमी केवल रोटीच सी नहीं, पर हर एक वचन सी जो परमेश्वर को मुंह सी निकलय हय, जीन्दो रहेंन।’”
5तब शैतान ओख पवित्र नगर यरूशलेम म ले गयो अऊर मन्दिर को ऊचाई पर खड़ो करयो, 6#भजन ९१:११-१२अऊर ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त अपनो आप ख खल्लो गिराय दे; कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय; ‘ऊ तोरो बारे म अपनो स्वर्गदूतों ख आज्ञा देयेंन, अऊर हि तोख हाथों-हाथ उठाय लेयेंन; कहीं असो नहीं होय कि तोरो पाय म गोटा सी ठेस लग जाये।’”
7 #
व्यवस्थाविवरन ६:१६
यीशु न ओको सी कह्यो, “नियम शास्त्र म यो भी लिख्यो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर की परीक्षा नहीं करजो।’”
8तब शैतान ओख एक बहुत ऊचो पहाड़ी पर ले गयो अऊर सारो जगत को राज्य अऊर ओको वैभव दिखाय क 9ओको सी कह्यो, “यदि तय झुक क मोख दण्डवत प्रनाम करजो, त मय यो सब कुछ तोख दे देऊं।”
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व्यवस्थाविवरन ६:१३
तब यीशु न ओको सी कह्यो, “हे शैतान दूर होय जा, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर ख प्रनाम कर, अऊर केवल ओकीच सेवा कर।’”
11तब शैतान ओको जवर सी चली गयो, अऊर देखो, स्वर्गदूत आय क ओकी सेवा करन लग्यो।
यीशु की सेवकायी की सुरूवात
(मरकुस १:१४,१५; लूका ४:१४,१५)
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मत्ती १४:३; मरकुस ६:१७; लूका ३:१९,२० जब यीशु न यो सुन्यो कि यूहन्ना बन्दी बनाय लियो गयो हय, त ऊ गलील ख चली गयो। 13#यूहन्ना २:१२अऊर ऊ नासरत नगर ख छोड़ क कफरनहूम नगर म, जो झील को किनार जबूलून अऊर नप्ताली को देश म हय, जाय क रहन लग्यो; 14ताकि जो यशायाह भविष्यवक्ता को द्वारा कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो हो:
15झील को रस्ता सी “जबूलून अऊर नप्ताली को देश, यरदन को पार,
गैरयहूदियों को गलील
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यशायाह ९:१-२
जो लोग अन्धारो म बैठ्यो होतो,
उन्न बड़ी ज्योति देखी;
अऊर जो मृत्यु को देश म बैठ्यो होतो,
उन पर ज्योति चमकी।”
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मत्ती ३:२
ऊ समय सी यीशु न प्रचार करनो अऊर यो कहनो सुरू करयो, “पापों सी मन फिरावो कहालीकि स्वर्ग को राज्य जवर आय गयो हय।”
यीशु को चारयी मछवारों ख बुलावनो
(मरकुस १:१६-२०; लूका ५:१-११; यूहन्ना १:३५-४२)
18गलील की झील को किनार फिरतो हुयो यीशु न दोय भाऊवों यानेकि शिमोन ख जो पतरस कहलावय हय, अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास ख झील म जार डालतो हुयो देख्यो; कहालीकि हि मछवारा होतो। 19यीशु न उन सी कह्यो, “मोरो पीछू चली आवो, त मय तुम्ख लोगों ख परमेश्वर को राज्य म लावन लायी सिखाऊं।” 20हि तुरतच जार ख छोड़ क ओको पीछू भय गयो।
21उत सी आगु जाय क, यीशु न अऊर दोय भाऊवों ख यानेकि जब्दी को बेटा याकूब अऊर ओको भाऊ यूहन्ना ख देख्यो। हि अपनो बाप जब्दी को संग डोंगा पर अपनो जारो ख सुधारत होतो। ओन उन्ख भी बुलायो। 22हि तुरतच डोंगा अऊर अपनो बाप ख छोड़ क ओको पीछू भय गयो।
यीशु को रोगियों ख चंगो करनों,
(लूका ६:१७-१९)
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मत्ती ९:३५; मरकुस १:३९ यीशु पूरो गलील म फिरतो हुयो उन्को यहूदियों को सभागृह म शिक्षा करतो, अऊर राज्य को सुसमाचार प्रचार करतो, अऊर लोगों की हर तरह की बीमारियों को चंगो करयो अऊर कमजोरी ख दूर करयो। 24अऊर पूरो सीरिया देश म ओको यश फैल गयो; अऊर लोग सब बीमारों ख जो अलग अलग तरह की बीमारियों अऊर दु:खों म जकड़्यो हुयो होतो, अऊर जेको म दुष्ट आत्मायें होती, अऊर मिर्गी वालो अऊर लकवा को रोगियों ख, ओको जवर लायो अऊर ओन पूरो ख चंगो करयो। 25गलील अऊर दिकापुलिस, यरूशलेम, यहूदिया, अऊर यरदन नदी को ओन पार सी भीड़ की भीड़ ओको पीछू चली गयी।
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