1
मत्ती 12:36-37
Bagheli Bible
अउर हम तोंहसे पंचन से इहव कहित हएन, कि “जउन-जउन बुरी बातँय मनई कइहँय, उनहीं परमातिमा के न्याय करँइ के दिन हरेक निकम्मी बातन के लेखा देंइ परी। काहेकि तूँ पंचे अपनेन बातन के कारन निरदोस, अउर अपनेन बातन के कारन दोसी ठहराए जइहा।”
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Avasta मत्ती 12:36-37
2
मत्ती 12:34
हे साँप के बच्चन कि नाईं बुरे मनइव, तूँ पंचे बुरे होइके कइसन निकही बात कहि सकते हया? काहेकि जउन मन माहीं भरा हय, उहय मुँहे से निकरत हय।
Avasta मत्ती 12:34
3
मत्ती 12:35
निकहा मनई अपने मन के निकहे भन्डार से निकही बात निकारत हय; अउर बुरा मनई अपने मन के बुरे भन्डार से बुरी बात निकारत हय।”
Avasta मत्ती 12:35
4
मत्ती 12:31
एसे हम तोंहसे कहित हएन, कि मनइन के हरेकमेर के पाप अउर बुराई माफ कइ दीन जइहँय, पय जे कोऊ पबित्र आत्मा के बुराई करी ओखर इआ पाप कबहूँ माफ न कीन जई।
Avasta मत्ती 12:31
5
मत्ती 12:33
“अगर बिरबा काहीं निकहा कहा त ओखे फरव काहीं निकहा कहा, इआ कि बिरबा काहीं खराब कहा, त ओखे फरव काहीं खराब कहा, काहेकि बिरबा अपने फरय से पहिचाना जात हय।
Avasta मत्ती 12:33
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