“तोहरा यापन तहिँया इअ धरतियामा धन-सम्पति जामा झिन करिह, केहकेकि यहवाँ जामा करलि धन-सम्पतियाके किरवा खेसइ, किटवा नास पारदेतइ हसे चोरवाह चोराके लिगसइ। बाकि तोहरा यापन तहिँया स्वरगमा धन-सम्पति जामा करिह, जहवाँ किरवा हइने खेसइ कि किटवा नास हइने पारसइ हसे चोरवाह फेनि हइने चोरोसइ। केहकेकि जहवाँ तोर धन-सम्पति हसइ, वहवाँहिँ तोर मन फेनि हसइ।