लूका 5
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पहिलो चेलावों ख बुलायो जानो
(मत्ती ४:१८-२२; मरकुस १:१६-२०)
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मत्ती १३:१,२; मरकुस ३:९,१०; ४:१ जब भीड़ परमेश्वर को वचन सुनन लायी ओको पर गिरत होती, अऊर ऊ गन्नेसरत की झील को किनार पर खड़ो होतो, त असो भयो 2कि ओन झील को किनार दोय डोंगा लग्यो हुयो देख्यो, अऊर मछवारों उन पर सी उतर क जार धोय रह्यो होतो। 3उन डोंगा म सी एक पर, जो शिमोन की होती, चढ़ क ओन ओको सी बिनती करी कि किनार सी थोड़ो हटाय ले। तब ऊ बैठ क लोगों ख डोंगा पर सी उपदेश देन लग्यो।
4जब ऊ बाते कर लियो त शिमोन सी कह्यो, “गहरो म लिजा, अऊर मच्छी पकड़न लायी अपनो जार डालो।”
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यूहन्ना २१:३
शिमोन न यीशु ख उत्तर दियो, “हे मालिक, हम न पूरी रात मेहनत करी अऊर कुछ नहीं पकड़्यो; तब भी तोरो कहन सी जार डालू।” 6#यूहन्ना २१:६जब उन्न असो करयो, त बहुत मच्छी घेर लायी, अऊर उन्को जार फटन लग्यो। 7येख पर उन्न अपनो संगियों ख जो दूसरों डोंगा पर होतो, इशारा करयो कि आय क हमरी मदद करो, अऊर उन्न आय क दोयी डोंगा इतनो तक भर ली कि हि डुबन लगी। 8यो देख क शिमोन पतरस यीशु को पाय पर गिरयो अऊर कह्यो, “हे प्रभु मोरो जवर सी चली जा, कहालीकि मय पापी आदमी हय।”
9कहालीकि इतनी मच्छी ख पकड़्यो जानो सी ओख अऊर ओको संगियों ख बहुत अचम्भा भयो, 10अऊर वसोच जब्दी को बेटा याकूब अऊर यूहन्ना ख भी, जो शिमोन को सहभागी होतो, अचम्भा भयो। तब यीशु न शिमोन सी कह्यो, “मत डर; अब सी तय आदमियों ख परमेश्वर को राज्य म लायजो।”
11अऊर हि डोंगा ख किनार पर लायो अऊर सब कुछ छोड़ क ओको पीछू भय गयो।
कोढ़ को रोगी ख चंगो करनो
(मत्ती ८:१-४; मरकुस १:४०-४५)
12जब यीशु कोयी दूसरों नगर म होतो, त उत कोढ़ की बीमारी वालो एक आदमी आयो; अऊर ऊ यीशु ख देख क मुंह को बल गिरयो अऊर बिनती करी, “हे प्रभु, यदि तय चाहवय त मोख शुद्ध कर सकय हय।”
13ओन हाथ बढ़ाय क ओख छूयो अऊर कह्यो, “मय चाहऊ हय, तय शुद्ध होय जा।” अऊर ओको कोढ़ तुरतच जातो रह्यो। 14तब यीशु न ओख आज्ञा दी, “कोयी सी मत कहजो, पर जाय क अपनो आप ख याजक ख दिखाव, अऊर अपनो शुद्ध होन को बारे म जो कुछ मूसा न अर्पन की विधि ठहरायो हय ओख चढ़ाव कि उन पर गवाही हो।”
15पर यीशु की चर्चा अऊर भी फैलत गयी, अऊर भीड़ की भीड़ ओकी सुनन लायी अऊर अपनी बीमारियों सी चंगो होन लायी जमा भयी। 16पर ऊ सुनसान जागा म अलग जाय क प्रार्थना करत होतो।
लकवा को रोगी ख चंगो करनो
(मत्ती ९:१-८; मरकुस २:१-१२)
17एक दिन असो भयो कि यीशु उपदेश दे रह्यो होतो, अऊर फरीसी अऊर व्यवस्थापक उत बैठ्यो हुयो होतो जो गलील अऊर यहूदिया को हर गांव सी अऊर यरूशलेम सी आयो होतो, अऊर चंगो करन लायी प्रभु की सामर्थ यीशु को संग होती। 18ऊ समय कुछ लोग एक आदमी ख जो लकवा को रोगी होतो, खटिया पर लायो, अऊर हि ओख अन्दर लिजान अऊर यीशु को आगु रखन को उपाय ढूंढ रह्यो होतो। 19पर जब भीड़ को वजह ओख अन्दर नहीं लाय सक्यो त उन्न छत पर चढ़ क अऊर खपरैल हटाय क, ओख खटिया समेत बीच म यीशु को आगु उतार दियो। 20यीशु न उन्को विश्वास देख क ओको सी कह्यो, “हे आदमी, तोरो पाप माफ भयो।”
21तब धर्मशास्त्री अऊर फरीसी अपनो मन म बिचार करन लग्यो, “यो कौन आय? जो परमेश्वर की निन्दा करय हय! परमेश्वर ख छोड़ अऊर कौन पापों ख माफ कर सकय हय?”
22यीशु न उन्को मन की बाते जान क, उन्को सी कह्यो, “तुम अपनो मन म का बिचार कर रह्यो हय? 23सहज का हय? का यो कहनो कि ‘तोरो पाप माफ भयो,’ या यो कहनो कि ‘उठ अऊर चल फिर?’ 24पर येकोलायी कि तुम जानो कि मय आदमी को बेटा ख धरती पर पाप माफ करन को भी अधिकार हय।” ओन ऊ लकवा को रोगी सी कह्यो, “मय तोरो सी कहू हय, उठ अऊर अपनी खटिया उठाय क अपनो घर चली जा।”
25ऊ तुरतच उन्को आगु उठ्यो, अऊर जो खटिया पर ऊ पड़्यो होतो ओख उठाय क, परमेश्वर की बड़ायी करतो हुयो अपनो घर चली गयो। 26तब सब अचम्भित भयो अऊर परमेश्वर की बड़ायी करन लग्यो अऊर बहुत डर क कहन लग्यो, “अज हम्न अनोखी बाते देखी हंय!”
लेवी ख बुलायो जानो
(मत्ती ९:९-१३; मरकुस २:१३-१७)
27यीशु बाहेर गयो अऊर लेवी नाम को एक कर लेनवालो ख कर वसुली की चौकी पर बैठ्यो देख्यो, अऊर ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू होय जा।” 28तब लेवी सब कुछ छोड़ क उठ्यो, अऊर ओको पीछू चली गयो।
29तब लेवी न अपनो घर म यीशु लायी एक बड़ो भोज दियो; अऊर कर लेनवालो अऊर दूसरों लोगों की जो ओको संग जेवन करन बैठ्यो होतो, एक बड़ी भीड़ होती। 30#लूका १५:१,२येको पर फरीसी अऊर उन्को धर्मशास्त्री ओको चेलावों सी यो कह्य क कुड़कुड़ान लग्यो, “तुम कर लेनवालो अऊर पापियों को संग कहालीकि खावय-पीवय हय?”
31यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “डाक्टर भलो चंगो लायी नहीं, पर बीमारों लायी जरूरी हय। 32मय धर्मियों ख नहीं, पर पापियों ख पश्चाताप करावन लायी आयो हय।”
उपवास को प्रश्न
(मत्ती ९:१४-१७; मरकुस २:१८-२२)
33उन्न ओको सी कह्यो, “बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को चेला त बराबर उपवास रखय अऊर प्रार्थना करय हंय, अऊर वसोच फरीसियों को चेला भी, पर तोरो चेला त खावय-पीवय हंय।”
34यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम बरातियों सी, जब तक दूल्हा उन्को संग रहेंन, उपवास करवाय सकय हय? 35पर ऊ दिन आयेंन, जब की दूल्हा उन्को सी अलग करयो जायेंन, तब हि उन दिनो म उपवास करेंन।”
36यीशु न एक अऊर दृष्टान्त भी उन्को सी कह्यो: “कोयी आदमी नयो कपड़ा म सी फाड़ क पुरानो कपड़ा म थेगड़ नहीं लगावय, नहीं त नयो भी फट जायेंन अऊर ऊ थेगड़ पुरानो म मेल भी नहीं खायेंन। 37अऊर कोयी नयो अंगूररस पुरानी मशकों म नहीं भरय, नहीं त नयो अंगूररस मशकों ख फाड़ क बह जायेंन, अऊर मशके भी नाश होय जायेंन। 38पर नयो अंगूररस नयो मशकों म भरनो चाहिये होतो। 39कोयी आदमी पुरानो अंगूररस पी क नयो नहीं चाहवय कहालीकि ऊ कह्य हय, कि पुरानोच अच्छो हय।”
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