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मत्ती 13:30

मत्ती 13:30 SGJ

लुवाई कर घरी तक दुनो ला संगे-संगे बाढ़े देआ, लुवाई कर घरी मंए लुवईया मन ला कहूं कि आगू जंगली गांछी मन ला सकेला अऊ लेसे बर ओमन ला भिंडा बांएध लेआ। तब गंहू ला सकेल के मोर कोठार में ले लाना।”