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आमाल 13:2-3
उर्दू हमअस्र तरजुमा
जब के वह रोज़े रखकर, ख़ुदावन्द की इबादत कर रहे थे तो पाक रूह ने कहा, “बरनबास और साऊल को इस ख़िदमत के लिये अलग कर दो जिस के लिये मैंने उन्हें बुलाया है।” चुनांचे उन्होंने रोज़ा रखा दुआ की, और उन पर हाथ रखकर उन्हें रवाना कर दिया।
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Zkoumat आमाल 13:2-3
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आमाल 13:38-39
“पस ऐ अज़ीज़ों, जान लो के हुज़ूर ईसा के वसीले से ही तुम्हें गुनाहों की मुआफ़ी की मुनादी की जाती है। हज़रत मूसा की शरीअत के बाइस जिन बातों से तुम बरी नहीं हो सकते थे, उन सब से हर एक ईमान लाने वाला उस के वसीले से बरी होता है।
Zkoumat आमाल 13:38-39
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आमाल 13:47
क्यूंके ख़ुदावन्द ने हमें ये हुक्म दिया है: “ ‘मैंने तुझे ग़ैरयहूदियों के लिये नूर मुक़र्रर किया है, ताके तू ज़मीन की इन्तिहा तक नजात पहुंचाने का बाइस बने।’ ”
Zkoumat आमाल 13:47
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