मलाकी 4:1
मलाकी 4:1 DGV
रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “यक़ीनन वह दिन आनेवाला है जब मेरा ग़ज़ब भड़कती भट्टी की तरह नाज़िल होकर हर गुस्ताख़ और बेदीन शख़्स को भूसे की तरह भस्म कर देगा। वह जड़ से लेकर शाख़ तक मिट जाएंगे।
रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “यक़ीनन वह दिन आनेवाला है जब मेरा ग़ज़ब भड़कती भट्टी की तरह नाज़िल होकर हर गुस्ताख़ और बेदीन शख़्स को भूसे की तरह भस्म कर देगा। वह जड़ से लेकर शाख़ तक मिट जाएंगे।