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लूका 5

5
पहिली चेलामन के बुलाहट
(मत्ती 4:18‑22; मरकुस 1:16‑20)
1एक दिन यीसू गन्नेसरत झील#5:1 गलील के समुंदर के तीर म ठाढ़े रहय अऊ परमेसर के बचन सुने बर मनखेमन के भीड़ ह ओकर ऊपर गिरे पड़त रहय। 2ओह दू ठन डोंगा पानी के तीर म देखिस, जऊन ला मछुआरमन छोंड़के अपन जालमन ला धोवत रहंय। 3ओह ओमा के एक ठन डोंगा म चघिस, जऊन ह सिमोन के रिहिस अऊ यीसू ह ओला कहिस, “डोंगा ला पानी के तीर ले थोरकन दूरिहा ले चल।” तब यीसू ह डोंगा म बईठ गीस अऊ उहां ले मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस।
4जब ओह उपदेस दे चुकिस, त सिमोन ला कहिस, “डोंगा ला गहिरा पानी म ले चल अऊ मछरी पकड़े बर अपन जाल ला डार।”
5सिमोन ह कहिस, “हे मालिक, हमन रात भर बहुंत मेहनत करेंन, तभो ले कुछू नइं पायेंन। पर तोर कहे म मेंह जाल ला फेर डारत हवंव।”
6जब ओमन अइसने करिन, त जाल म अतकी जादा मछरी फंसिन कि जाल ह चीराय लगिस। 7एकरसेति ओमन अपन संगवारीमन ला जऊन मन दूसर डोंगा म रहंय, इसारा करिन कि ओमन आके मदद करंय; अऊ ओमन आईन अऊ दूनों डोंगा ला मछरी ले अतका भर लीन कि डोंगामन बुड़न लगिन।
8जब सिमोन पतरस येला देखिस, त ओह यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस अऊ कहिस, “हे परभू! मोर करा ले चले जा; मेंह एक पापी मनखे अंव।” 9काबरकि अतका जादा मछरी फंसे के कारन, ओह अऊ ओकर जम्मो संगीमन अचम्भो करत रिहिन, 10अऊ एहीच दसा जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना के घलो रहय, जऊन मन सिमोन के संगवारी रिहिन।
तब यीसू ह सिमोन ला कहिस, “झन डरा; अब ले तेंह मनखेमन ला पकड़े करबे।” 11ओमन डोंगामन ला पानी के तीर म लानिन अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीन।
यीसू एक कोढ़ी मनखे ला चंगा करथे
(मत्ती 8:1‑4; मरकुस 1:40‑45)
12जब यीसू ह एक नगर म रिहिस, त उहां कोढ़ ले भरे एक मनखे आईस। जब ओह यीसू ला देखिस, त मुहूं के भार भुइयां म गिरके ओकर ले बिनती करिस, “हे परभू, यदि तेंह चाहस, त मोला सुध कर सकथस।”
13यीसू ह अपन हांथ ओ मनखे कोति बढ़ाईस अऊ ओला छूके कहिस, “मेंह चाहत हंव कि तेंह सुध हो जा!” अऊ तुरते ओकर कोढ़ ह गायब हो गीस।
14तब यीसू ह ओला हुकूम दीस, “ये बात कोनो ला झन बताबे, पर जा अऊ अपनआप ला पुरोहित ला देखा अऊ सुध होय के बारे म मूसा ह जइसने हुकूम दे हवय, वइसने बलिदान चघा, ताकि मनखेमन म सबूत होवय कि तेंह बेमारी ले ठीक हो गे हवस।”
15तभो ले यीसू के बारे म अऊ खबर फईल गीस, अऊ मनखेमन के भीड़ के भीड़ यीसू के बात सुने बर अऊ अपन बेमारी ले बने होय बर आय लगिन। 16पर यीसू ह अकसर सुनसान जगह म जावय अऊ पराथना करय।
यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला बने करथे
(मत्ती 9:1‑8; मरकुस 2:1‑12)
17एक दिन जब यीसू ह उपदेस देवत रहय, त फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन उहां बईठे रहंय, जऊन मन गलील अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो गांव ले, अऊ यरूसलेम ले आय रहंय। अऊ परभू के सामर्थ बिमरहामन ला बने करे बर यीसू के संग रहय। 18कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला खटिया म उठाके लानिन। ओमन ओला घर के भीतर ले जाय के कोसिस करिन ताकि ओला यीसू के आघू म रख सकंय। 19जब ओमन भीड़ के मारे ओला भीतर नइं ले जा सकिन, तब ओमन छानी के ऊपर चघिन अऊ खपरा ला टारके ओमन ओला खटिया म, भीड़ के मांझा म, ठोका यीसू के आघू म उतारिन।
20जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “संगी, तोर पाप ह छेमा हो गे।”
21फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन अपन मन म सोचे लगिन, “ये कोन मनखे ए, जऊन ह परमेसर के निन्दा करत हवय? सिरिप परमेसर के छोंड़ अऊ कोन ह पाप ला छेमा कर सकथे?”
22यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस। ओह ओमन ले पुछिस, “तुमन ये बात अपन मन म काबर सोचत हवव? 23कते बात ह सरल ए? ये कहई, ‘तोर पाप ह छेमा हो गीस,’ या फेर ये कहई, ‘उठ, अऊ चल फिर।’ 24मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, “उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” 25तुरते ओह ओमन के आघू म उठिस अऊ जऊन खटिया म ओह पड़े रिहिस, ओला उठाईस अऊ परमेसर के इस्तुति करत अपन घर चल दीस। 26तब ओ जम्मो झन चकित हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करिन। ओमन म डर हमा गीस अऊ ओमन कहे लगिन, “हमन आज चमतकार होवत देखे हवन।”
यीसू ह लेवी ला बलाथे
(मत्ती 9:9‑13; मरकुस 2:13‑17)
27एकर बाद, यीसू ह बाहिर निकलिस अऊ लेवी नांव के एक झन लगान लेवइया ला अपन नाका म बईठे देखिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू हो ले।” 28लेवी ह उठिस अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के ओकर पाछू हो लीस।
29तब लेवी ह यीसू बर अपन घर म एक बड़े भोज के आयोजन करिस, अऊ लगान लेवइया अऊ आने पहुनामन के एक बड़े भीड़ ह ओमन के संग म खावत रिहिस। 30पर फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू के चेलामन ले ये कहिके सिकायत करन लगिन, “तुमन लगान लेवइया अऊ पापीमन संग काबर खाथव अऊ पीथव?”
31यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बिमरहामन ला होथे। 32मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला पछताप करे बर बलाय आय हवंव।”
उपास के बारे म सवाल
(मत्ती 9:14‑17; मरकुस 2:18‑22)
33ओमन यीसू ले कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन अकसर उपास रखथें अऊ पराथना करथें, अऊ अइसने फरीसीमन के चेलामन घलो करथें, पर तोर चेलामन खावत-पीयत रहिथंय।”
34यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन बरातीमन ले, जब तक दूल्हा ह ओमन के संग हवय, उपास करा सकथव? 35पर ओ समय आही, जब दूल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओमन ओ दिनमन म उपास करहीं।”
36यीसू ह ओमन ला ये पटंतर घलो सुनाईस, “कोनो मनखे नवां ओनहा ला चीरके ओकर खाप ला जुन्ना ओनहा म नइं सिलय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां ओनहा ह चीरा जाही अऊ नवां ओनहा के खाप जुन्ना ओनहा म नइं लगही। 37अऊ कोनो मनखे नवां अंगूर के मंद ला जुन्ना चमड़ा के थैली म नइं भरय। कहूं कोनो अइसने करथे, त नवां मंद ह ओ थैली ला चीर दीही, अऊ मंद ह ढर जाही अऊ थैली ह बरबाद हो जाही। 38नवां अंगूर के मंद ला नवां चमड़ा के थैली म भरना चाही। 39कोनो मनखे अंगूर के जुन्ना मंद पीये के बाद, नवां मंद पीये नइं चाहय। ओह कहिथे, ‘जुन्ना मंद ही बने हवय।’ ”

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