रोमियों 6:1-2
रोमियों 6:1-2 UCVD
लिहाज़ा हम क्या कहें? क्या गुनाह करते चले जायें ताके हम पर फ़ज़ल ज़्यादा हो? हरगिज़ नहीं! हम जो गुनाह के एतबार से मर चुके हैं तो फिर क्यूं कर गुनाह आलूदा ज़िन्दगी गुज़ारते हैं?
लिहाज़ा हम क्या कहें? क्या गुनाह करते चले जायें ताके हम पर फ़ज़ल ज़्यादा हो? हरगिज़ नहीं! हम जो गुनाह के एतबार से मर चुके हैं तो फिर क्यूं कर गुनाह आलूदा ज़िन्दगी गुज़ारते हैं?